Google के बड़े बदलाव के बाद जिन यूज़र्स के पास एंड्रॉयड वर्जन 2.3.7 और उससे कम पर चलने वाला फोन होगा वह 27 सितंबर के बाद से Youtube, Gmail नहीं चला पाएंगे….
एंड्रॉयड फोन इस्तेमाल करने वाले यूज़र्स के लिए बुरी खबर है. ऐसा इसलिए क्योंकि गूगल अब 2.3.7 या उससे कम के वर्जन पर चलने वाले एंड्रायड फोन पर साइन-इन सपोर्ट नहीं देगा. गूगल द्वारा यूज़र्स को भेजे गए ईमेल से पता चला है कि ये बदलाव 27 सितंबर से लागू किया जाएगा. पूराने फोन यूज़र्स को सितंबर के बाद भी गूगल ऐप्स का इस्तेमाल जारी रखने के लिए कम से कम एंड्राइड 3.0 हनीकॉम्ब में अपडेट करने की सलाह दी गई है. ये सिस्टम और ऐप लेवल साइन-इन को प्रभावित करेगा, लेकिन यूज़र्स को अपने फोन के ब्राउज़र के माध्यम से जीमेल, गूगल सर्च, गूगल ड्राइव, यूट्यूब और अन्य गूगल सेवाओं में साइन इन करने में सक्षम होना चाहिए.
अपनी रिपोर्ट में, 9to5Google ने उन यूज़र्स को भेजे गए ईमेल का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिनके इस बदलाव से प्रभावित होने की संभावना है. ऐसे यूज़र्स की संख्या बहुत ही कम हैं जो एंड्रॉयड के बहुत पुराने वर्जन का इस्तेमाल कर रहे हैं. गूगल ये बदलाव यूज़र्स की अकाउंट सिक्योरिटी और डेटा सिक्योरिटी के लिए कर रहा है.
Photo Credit: 9to5Google.
27 सितंबर से, एंड्रॉयड वर्जन 2.3.7 और उससे कम पर चलने वाले फोन पर यूज़र्स जब भी लोड की गई किसी भी गूगल ऐप में साइन-इन करने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें ‘username या password error’ दिखाई देगा.
ये ईमेल इन कुछ यूज़र्स के लिए एक चेतावनी संकेत के रूप में देखा जा सकता है, जो अभी भी पुराने सॉफ़्टवेयर वर्जन का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे यूज़र्स को सॉफ्टवेयर अपडेट करने या फ़ोन स्विच करने का आग्रह किया जा रहा है.
फ़ैक्टरी रीसेट करने से भी नहीं चलेगी ऐप
रिपोर्ट में कहा गया है कि, 27 सितंबर के बाद पुराने एंड्रॉयड वर्जन के यूज़र्स को जीमेल, यूट्यूब और मैप्स जैसे गूगल प्रोडक्ट और सर्विसेज में साइन इन करने का प्रयास करने पर एक एरर दिखाई देगा. अगर यूज़र्स नया गूगल अकाउंट बनाने या फोन को फ़ैक्टरी रीसेट करके दोबारा साइन इन करने की कोशिश करेंगे, तो तब भी उन्हें अपनी फोन स्क्रीन पर एरर ही दिखाई देगा. नया पासवर्ड बनाने, और दुबारा से साइन इन करने पर भी ये एरर यूज़र्स को दिखता रहेगा.
देखा जाए तो, 27 सितंबर के बाद एंड्रायड वर्ज़न 2.3.7 या इस से कम के वर्जन वाले फोन यूज़र्स के पास कोई वैकल्पिक हल नहीं बचेगा, जिससे वो गूगल ऐप्स और सर्विसेज का इस्तेमाल कर पाएं. इसलिए बेहतर है कि इससे पहले ही यूज़र्स अपने लिए नए फोन क की तलाश कर लें