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इस छोटे पार्ट के न होने के कारण एपल नहीं बना पा रहा है नए आईफोन, रेवेन्यू ग्रोथ पड़ रहा है धीमा

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टेक दिग्गज एपल ने कहा कि वैश्विक चिप की कमी से आईफोन का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. कंपनी ने राजस्व वृद्धि में कमी का भी अनुमान लगाया है. गिज्मोचाइना से मिली जानकारी के मुताबिक, एपल के अधिकारियों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में राजस्व में दो अंकों की वृद्धि होगी, लेकिन तीसरी तिमाही में 36.4 प्रतिशत की वृद्धि दर से नीचे होगी.

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सीईओ टिम कुक ने कहा कि कमियों से प्रभावित चिप्स पुरानी तकनीक का उपयोग करके बनाए गए हैं, लेकिन वे अभी भी आईफोन बनाने के लिए सहायक भागों के रूप में महत्वपूर्ण हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्लेषकों का मानना था कि एपल अपने अगली पीढ़ी के आईफोन मॉडल के लिए चिप्स का भंडार कर सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, चिप्स की वैश्विक कमी के पीछे कई कारण हैं, जिनमें कोविड -19 महामारी के कारण कारखाने बंद होना और लॉकडाउन के दौरान उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की बढ़ती मांग और होम सेटअप से काम करना शामिल है.

रिपोर्ट्स से संकेत मिलता है कि मोबाइल फोन उद्योग में कई खिलाड़ी विभिन्न प्रकार के अर्धचालकों की खरीद के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिसमें 4 जी और 5 जी चिपसेट के अलावा पॉवर मैनेजमेंट चिप्स, डिस्प्ले ड्राइवर, एप्लिकेशन प्रोसेसर, सोर्सिंग के लिए संघर्ष शामिल है.

हाल ही में, कंपनी ने घोषणा की कि आईफोन राजस्व ने जून तिमाही में 39.6 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड बनाया है. जो साल-दर-साल 50 प्रतिशत बढ़ रहा है और अपनी अपेक्षाओं से अधिक है. आईफोन 12 फैमिली जल्द ही भारत सहित दुनिया भर में उपलब्ध होगा.

बता दें कि चिप्स की कमी से सिर्फ स्मार्टफोन बिजनेस को ही नहीं नुकसान उठाना पड़ रहा है बल्कि इसका असर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर भी पड़ रहा है. यानी को कोई भी कंपनी नए प्रोडक्ट्स नहीं बना पा रही है और अगर बना भी रही है तो उसके फीचर्स में कटौती कर दे रही है या फिर उसे महंगी कीमत पर बेच रही है.

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