कोविड संक्रमण के चलते रोज़गार का संकट गहरा चुका है. काम का झांसा देकर धोखाधड़ी की जा रही है. ऐसे ही एक मामले में झारखंड के मज़दूरों को धोखे से केरल भेजा गया और उनके आधार कार्ड भी हथिया लिये गए.
नितेश कुमार
दुमका. केरल में फंसे झारखंड के दुमका के 32 मज़दूरों और 5 बच्चों की घर वापसी करवाई गई. सोशल मीडिया पर एक वीडियो के वायरल होने के बाद राज्य सरकार ने संज्ञान लेते हुए सभी मज़दूरों की वापसी करवाई. सभी को केरल से अलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस से वापस लाया गया. धनबाद रेलवे स्टेशन से मज़दूरों को बस से दुमका लाया गया और इसके बाद सभी की कोविड 19 जांच इनडोर स्टेडियम में करवाई गई. फिलहाल इन सभी को हिजला स्थित क्वारंटाइन सेंटर में 7 दिनों के लिए रखा गया है.
सरकार के निर्देश पर धनबाद परिवहन विभाग ने मज़दूरों और बच्चों को दुमका तक पहुंचाने का काम करवाया. वहीं, एसडीओ सुरेंद्र कुमार ने कहा कि 32 प्रवासी मज़दूर ज़िला प्रशासन की मदद से दुमका पहुंचाए गए. लेकिन बड़ी कहानी ये है कि आखिर ये मज़दूर केरल में फंस कैसे गए थे!
रोज़गार के नाम पर धोखे के शिकार हुए
मज़दूरों ने बताया कि गांव के ही एक व्यक्ति ने रोज़गार दिलाने के नाम पर केरल ले जाने का प्रबंध करवाया. सभी मज़दूरों से आधार कार्ड और एक-एक हजार रुपये नकद लेकर दलाल ने उन्हें केरल भेज दिया और कहा कि वह भी जल्द ही वहीं पहुंच रहा है. लेकिन जब मजदूर केरल पहुंचे तो वहां वह व्यक्ति मौजूद नहीं था. मज़दूरों ने दलाल से संपर्क करना चाहा तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ मिला.
इसके बाद मजदूरों ने ड्राइवर से अपने आधार कार्ड मांगे, तो उसने कहा कि एक हज़ार रुपये देने के बाद ही आधार कार्ड लौटाए जाएंगे. मज़दूरों के पास पैसे खत्म हो चुके थे और वो भूखे रहने की हालत में आ चुके थे. ऐसे में आधार कार्ड छिन जाने से उन्हें कहीं और काम भी नहीं मिल पा रहा था.