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Alert: खड़े होकर पानी पीने की आदत है! हो सकती हैं ये परेशानी

शरीर को सही तरीके से हाइड्रेट रखने के लिए पानी पीना सबसे महत्वपूर्ण होता है. लेकिन ये जानकर आपको हैरानी होगी कि पानी पीने का भी सही समय और तरीका होता है. पानी को कैसे पिएं जिससे शरीर हाइड्रेटेड रहे और जरूरी फायदा पहुंचाए. तो आइए जानते हैं.

नई दिल्ली: क्या आप भी खड़े होकर पानी पीते हैं? अगर हां, तो अभी इस आदत को छोड़ दीजिए. आयुर्वेद में खड़े होकर पानी पीने को गलत बताया गया है. कहा जाता है कि इस तरह पानी पीने से व्यक्ति की प्‍यास पूरी तरह नहीं बुझती है. साथ ही उसके शरीर के कई महत्‍वपूर्ण अंगों पर भी बुरा असर पड़ता है. खासकर लोगों के घुटनों में दर्द होने लगता है, और पाचन संबंधी समस्‍याएं भी हो सकती हैं.

एक सांस में ना पिएं पानी

आयुर्वेद के अनुसार, पानी कभी भी हमें गट-गट करके या एक हीं सांस में नहीं पीना चाहिए क्योंकि पानी पीने के दौरान हमारा लार पानी के साथ मिलकर हमारे शरीर के अंदर जाती है. लार ही हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करने का कार्य करती है. लार में कई ऐसे हेल्‍दी बैक्‍टीरिया होते हैं तो पेट के लिए फायदेमंद होते हैं. इसीलिए पानी हमेशा धीरे-धीरे या घूंट-घूंट कर के पीना सही माना गया है.

पानी पीने के सही तरीके

– हो सके तो सीधे बोतल से पानी पीने से बचें और गिलास में ही पानी डालकर पिएं.
– जब बीमार पड़ें तो खूब पानी पिएं.

पानी पीने का सही समय

– सुबह उठने के बाद दो गिलास पानी पीना चाहिए.
– भोजन करने से करीब आधा घंटा पहले पानी पीना चाहिए, इससे खाना आसानी से पचता है. भोजन करने के आधे घंटे तक पानी के सेवन से बचें.
– सोने से पहले पानी पिएं. ऐसा करने से हार्ट अटैक का खतरा कम होता है.
– कसरत करने से पहले और बाद में एक गिलास पानी पीने से डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती. साथ ही कसरत के बाद जो पसीना आता है पानी उसकी कमी पूरी करता है.

बैठकर पानी पीने के फायदे

– पानी बैठकर पीने से पानी सही तरीके से पचकर शरीर के सभी सेल्स तक पहुंचता है. व्यक्ति की बॉडी को जितने पानी की अवश्यकता होती है उतना पानी सोखकर वह बाकी का पानी और टॉक्सिन्स यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकल देता है.
– गर्म पानी पीने से अतिरिक्त चर्बी नहीं बनती और वजन घटता है.
– बैठकर पानी पीने से खून में हानिकारक तत्व नहीं घुलते बल्कि ये खून साफ करते हैं.
– घूंट-घूंटकर पानी पीने से पेट में एसिड का स्तर नहीं बढ़ता, बल्कि खराब एसिड शरीर से बाहर निकल जाता है.

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