अब प्रॉपर्टी खरीदने से पहले खरीदार चाहें तो 100 रुपये का चालान जमा कर डीएम के यहां आवेदन कर सकेंगे। इसके बाद तहसील स्तर से अधिकारी मुआयना कर प्रॉपर्टी की कीमत तय कर देंगे। इसके आधार पर खरीदार प्रॉपर्टी की स्टांप ड्यूटी चुका सकेंगे।
लखनऊ
अगर आप घर, जमीन, दुकान या कोई प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं और उसकी मालयित (कीमत) को लेकर संशय में हैं तो डीएम के यहां आवेदन देकर मालियत तय करवा सकेंगे। उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसके लिए स्टांप अधिनियम के तहत नए बदलावों को मंजूरी दी गई।
प्रॉपर्टी खरीदने में अक्सर स्टांप चोरी की शिकायतें आती हैं। बहुत बार खरीदार प्रॉपर्टी की सही मालयित नहीं जान पाते हैं और विक्रेता या प्रॉपर्टी डीलर के बताए दाम पर उसे खरीद लेते हैं। इस प्रक्रिया में स्टांप बचाने के लिए कीमतें कम-ज्यादा बताने का खेल चलता है।
सौ रुपये चालान होगा जमा
कई बार ऐसे मामलों में शिकायत होने पर मुकदमा हो जाता है और प्रॉपर्टी भी फंस जाती है। बड़े पैमाने पर ऐसे मुकदमे लंबित हैं। इन्हें देखते हुए नई व्यवस्था की गई है। अब प्रॉपर्टी खरीदने से पहले खरीदार चाहें तो 100 रुपये का चालान जमा कर डीएम के यहां आवेदन कर सकेंगे। इसके बाद तहसील स्तर से अधिकारी मुआयना कर प्रॉपर्टी की कीमत तय कर देंगे। इसके आधार पर खरीदार प्रॉपर्टी की स्टांप ड्यूटी चुका सकेंगे।
हैदर कैनाल पर एसटीपी के लिए 297 करोड़ जारी
बरसात के दौरान शहर में जलभराव और गोमती में सीधे गंदा पानी जाने की समस्या से जल्द निजात मिलेगी। इसके लिए हैदर कैनाल पर 120 मिलियन लीटर डेली (एमएलडी) क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का बंद पड़ा काम दोबारा शुरू होगा। कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन के मुताबिक अमृत योजना के तहत इस प्रॉजेक्ट के लिए 297.387 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है।
प्रदेश सरकार की तरफ से हैदर कैनाल पर साल 2016 में एसटीपी का प्रस्ताव बना था। एक साल बाद तकनीकी कारणों से इसका काम रुक गया, जिससे शहर में जलभराव की समस्या बनी रही। आशुतोष टंडन के मुताबिक, कैबिनेट ने एसटीपी के बजट को मंजूरी दे दी है। इस प्रॉजेक्ट के लिए अक्टूबर 2016 में 10 करोड़, मार्च 2019 में 33.80 करोड़ और फरवरी 2020 में 25 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।