टीएमसी सांसद महुआ मित्रा ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ‘अंकल जी’ कहते हुए दावा किया कि उनके परिवार के सदस्यों और अन्य परिचितों को राजभवन में ओएसडी नियुक्त किया गया है.
राज्यपाल धनखड़ ने कहा है- महुआ मोइत्रा ने ट्वीट के माध्यम से मीडिया में कहा कि राजभवन में व्यक्तिगत स्टॉफ में कार्य करने वाले लोगों में रिश्तेदारों को नियुक्त किया गया है, जो पूरी तरह से गतल है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में ओएसडी के पदों को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा आमने सामने हैं. महुआ मोइत्रा ने कहा है कि ‘अंकल जी’ अपने पूरे गांव और खानदान को राजभवन में ले आए हैं. मोइत्रा के इस दावे पर अब राज्यपाल धनखड़ ने जवाब दिया है. राज्यपाल ने कहा है कि ओएसडी के पदों पर कोई भी मेरा करीबी रिश्तेदार नहीं है. सभी लोग अलग-अलग जाति से हैं.
राज्यपाल धनखड़ ने क्या जवाब दिया है?
राज्यपाल धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘’महुआ मोइत्रा ने ट्वीट के माध्यम से मीडिया में कहा कि राजभवन में व्यक्तिगत स्टॉफ में कार्य करने वाले लोगों में रिश्तेदारों को नियुक्त किया गया है, जो पूरी तरह से गलत है.’’ उन्होंने कहा, ‘’ओसडी तीन राज्यों से हैं और सभी चार अलग अलग जातियों से संबंध रखते हैं. इनमें से कोई भी परिवार या फिर करीबी रिश्तेदार का हिस्सा नहीं है. चार न तो मेरी जाति के हैं और न ही मेरे राज्य से हैं.’’
महुआ मित्रा ने क्या आरोप लगाए थे?
बता दें कि टीएमसी सांसद महुआ मित्रा ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ‘अंकल जी’ कहते हुए दावा किया कि उनके परिवार के सदस्यों और अन्य परिचितों को राजभवन में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) नियुक्त किया गया है. मोइत्रा ने एक सूची ट्विटर पर साझा की, जिसमें राज्यपाल के ओएसडी अभ्युदय शेखावत, ओएसडी-समन्वय अखिल चौधरी, ओएसडी-प्रशासन रुचि दुबे, ओएसडी-प्रोटोकॉल प्रसांत दीक्षित, ओएसडी-आईटी कौस्तव एस वलिकर और नव-नियुक्त ओएसडी किशन धनखड़ का नाम है.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद ने साथ ही कहा कि शेखावत धनखड़ के बहनोई के बेटे, रुचि दुबे उनके पूर्व एडीसी मेजर गोरांग दीक्षित की पत्नी और प्रसंत दीक्षित भाई हैं. मोइत्रा ने कहा कि वलिकर, धनखड़ के मौजूदा एडीसी जनार्दन राव के बहनोई हैं जबकि किशन धनखड़ राज्यपाल के एक और करीबी रिश्तेदार हैं.
मोइत्रा ने पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता जताने से संबंधित धनखड़ के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘अंकलजी पश्चिम बंगाल की ‘चिंताजनक स्थिति’ सुधर जाएगी अगर आप क्षमा-याचना करके वापस दिल्ली चले जाएं और कोई अन्य नौकरी तलाश लें.