12th Board Examination हरियाणा सरकार 12वीं की बोर्ड परीक्षा का स्वरूप नहीं बदलना चाहती है। राज्य सरकार नहीं चाहती है कि 12वीं की परीक्षा पर हमेशा के लिए कोरोना काल की छाप पड़ जाए। इसलिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड नियमित तरीके से परीक्षा की तैयारी कर रहा है।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। Haryana 12th Board Examination: हरियाणा सरकार 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का स्वरूप बदलकर इस पर कोरोना काल की छाप लगवाने के पक्ष में नहीं है। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि यदि बोर्ड परीक्षाओं का स्वरूप बदला जाता है तो इसकी छाप परीक्षा देने वाले प्रत्येक छात्र पर बाद तक रहेगी। कोरोना काल में भी कुछ सावधानी बरतकर सामान्य तरीके से परीक्षाएं आयोजित करने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी पहले ही तैयारी पूरी कर चुका है। हरियाणा सरकार अनुकूल परिस्थितियों में परीक्षा अवश्य आयोजित कराना चाहती है।
शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा- परीक्षा पर नहीं लगाना चाहते काेराेना काल की छाप
प्रधानमंत्री द्वारा 12वीं की बोर्ड सहित विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रतियोगी व प्रवेश परीक्षाओं के लिए गठित केंद्रीय शिक्षा समिति के समक्ष शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने सुझाव रखा है कि हरियाणा बोर्ड छात्रों से उनके मूल स्कूल में ही परीक्षाएं लेने को तैयार है। इससे परीक्षाओं को लेकर छात्रों की आवाजाही भी कम होगी और स्कूल में सिर्फ परीक्षा देने वाले छात्रों की वजह से शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी आसानी से किया जा सकता है।
राज्य में 2.77 लाख हरियाणा बोर्ड और एक लाख छात्र सीबीएसई से देंगे 12वीं की परीक्षा
उन्होंने कहा कि परीक्षाएं लेने वाले शिक्षकों व अन्य स्टाफ का सरकार परीक्षा से पहले ही वैक्सीनेशन भी करा देगी। बोर्ड इन परीक्षाओं को 15 से 20 जून के बीच में आयोजित कर सकता है। बता दें, इस बार राज्य के कुल 2.77 लाख छात्र हरियाणा बोर्ड और एक लाख छात्र सीबीएसई से परीक्षा देंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक की उपस्थिति में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने रविवार राज्यों के शिक्षा मंत्रियों व शिक्षा बोर्ड के प्रतिनिधियों की वर्चुअल मीटिंग में यह भी निर्णय हुआ है कि राज्यों के लिखित सुझावों की समीक्षा करते हुए केंद्र की तरफ से एक जून तक परीक्षा संबंधी अंतिम घोषणा कर दी जाएगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली केंद्रीय समिति के समक्ष रविवार यह सुझाव भी आया कि कोरोना काल में छात्रों से वस्तुनिष्ठ (आब्जेक्टिव) प्रश्न पूछकर परीक्षा की समयावधि तीन की बजाय डेढ़ घंटे की कर दी जाए। हालांकि हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर का कहना है कि हरियाणा बोर्ड ने पहले ही यह तय किया हुआ है कि 50 फीसद प्रश्न वस्तुनिष्ठ होंगे मगर जब एक बार छात्र परीक्षा देने आ गया तो वह डेढ़ घंटे बैठकर परीक्षा दे या फिर तीन घंटे, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। मगर छात्र यदि तीन घंटे की परीक्षा देता है तो भविष्य में कभी भी उसकी परीक्षा पर कोरोना काल की छाप नहीं रहेगी।
स्कूलों ने छात्रों को भिजवाए तैयारी करने के संदेश
12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित किए जाने की बाबत रक्षा मंत्री राजनाथ की अध्यक्षता में केंद्रीय समिति की बैठक संपन्न होने के साथ ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के स्कूल भी सक्रिय हो गए। स्कूलों की तरफ से छात्रों और उनके अभिभावकों को मोबाइल फोन पर एसएमएस और वाट्सएप के माध्यम से बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में जुट जाने के लिए सचेत किया गया।
‘ बोर्ड ने 12वीं की परीक्षा एक जून से ही लेने की तैयारी की हुई थी। अब यदि जून मध्य की भी तारीख तय होती है तो बोर्ड पूरी तरह तैयार है। कुछ अतिरिक्त विषयों की परीक्षा नहीं लेने संबंधी सुझाव भी केंद्रीय समिति के समक्ष आए हैं। अब हमें परीक्षा आयोजित करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आदेश का इंतजार है।