वैज्ञानिकों का कहना है कि चीन के लॉन्ग मार्च 5B रॉकेट की तेज गति और लगातार बदल रही ऊंचाई की वजह से यह पता करना मुश्किल हो रहा है कि ये धरती पर कब, किस दिन और कहां गिरेगा. हालांकि, इसके 8 मई के आसपास पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल होने की उम्मीद है.
वॉशिंगटन: दुनिया को कोरोना (Coronavirus) महामारी में धकेलने वाले चीन (China) ने अंतरिक्ष का बादशाह बनने की सनक में एक और संकट को जन्म दिया है. चीन द्वारा छोड़ा गया रॉकेट (Rocket) अंतरिक्ष में बेकाबू हो गया है और यह धरती (Earth) की तरफ तेजी से आ रहा है. वैज्ञानिकों इस बात को लेकर आशंकित हैं कि यदि 21 टन वजन वाला यह रॉकेट किसी रिहायशी इलाके में गिरता है तो बड़ी तबाही मच सकती है. हालांकि, अमेरिका (America) बीजिंग के ऑउट ऑफ कंट्रोल रॉकेट को ट्रैक करने में जुट गया है.
8 मई को करेगा प्रवेश?
सीएनएन की रिपोर्ट में बताया गया है कि पेंटागन (Pentagon) अनियंत्रित चीनी रॉकेट (Chinese Rocket) की तलाश कर रहा है. अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता माइक हॉवर्ड (Mike Howard) ने कहा कि चीन के लॉन्ग मार्च 5B रॉकेट (Chinese Long March 5B Rocket) के पृथ्वी के वायुमंडल में 8 मई के आसपास प्रवेश करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि यूएस स्पेस कमांड रॉकेट को ट्रैक करने का प्रयास कर रही है, ताकि खतरे को कुछ हद तक टाला जा सके.
सटीक अनुमान लगाना मुश्किल
हॉवर्ड ने कहा कि सटीक तौर पर यह पता लगाना मुश्किल है कि रॉकेट पृथ्वी में कहां से प्रवेश करेगा, लेकिन स्पेस कमांड उसे ट्रैक कर रहा है. चीन ने 29 अप्रैल को ही लॉन्ग मार्च 5B रॉकेट को लॉन्च किया गया था, लेकिन अंतरिक्ष में जाने के बाद ये नियंत्रण से बाहर हो गया. वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि ये रॉकेट कहीं पर भी गिर सकता है. यह रॉकेट एक मॉड्यूल लेकर स्पेस स्टेशन गया था. मॉड्यूल को तय कक्षा में छोड़ने के बाद इसे धरती पर लौटना था, लेकिन अब चीन का इस पर से नियंत्रण खत्म हो चुका है.
तेज Speed से बढ़ी परेशानी
वैज्ञानिकों का कहना है कि रॉकेट की तेज गति और लगातार बदल रही ऊंचाई की वजह से यह पता करना मुश्किल हो रहा है कि ये धरती पर कब, किस दिन और कहां गिरेगा. हालांकि, इसके 8 मई के आसपास पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल होने की उम्मीद है. वैज्ञानिकों के अनुसार, वैसे तो धरती के वायुमंडल में आते ही रॉकेट का अधिकतर हिस्सा जलकर खाक हो जाएगा, लेकिन यदि एक छोटा हिस्सा भी आबादी वाले इलाके में गिरा तो तबाही मच सकती है.
यहां गिर सकता है Rocket
मशहूर खगोलविद और हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में एयरोफिजिक्स के विशेषज्ञ जोनाथन मैकडोवेल ने कहा कि फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता कि रॉकेट का मलबा कहां गिरेगा. यह 18,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेवल कर रहा है और ऐसे में इसका सटीक अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है. उन्होंने कहा कि रॉकेट के मलबे के प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में गिराने की आशंका है. वहीं, कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि रॉकेट न्यूयॉर्क, मैड्रिड या फिर बीजिंग के आसपास में गिर सकता है. इसके अलावा, इसके दक्षिण में न्यूजीलैंड और चीली के नजदीक गिरने की भी आशंका है.