शिमला. हिमाचल (Himachal) के निजी बस ऑपरेटर अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आज यानी सोमवार से निजी बस ऑपरेटर (Private Bus Operator) अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. इसके चलते आज प्रदेश में करीब 3300 बसें अपने तय रूट पर नहीं जा रही हैं. बता दें कि यूनियन पथकर, वर्किंग कैपिटल और टोकन टैक्स माफ करने की मांग कर रही है, लेकिन हाल ही में सरकार के साथ हुई बैठक में इन मांगों को लेकर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है. निजी बस ऑपरेटर्स संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा कि हमने कई बार प्रदेश सरकार को अपनी मांगों को लेकर अवगत करवाया. लेकिन, सरकार हमारी मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है.
उन्होंने कहा कि ऐसे में हमने भारी मन से यह फैसला लिया है. जब तक सरकारी हमारी मांगें नहीं मान लेती है. हम अनिश्चित कालीन हड़ताल पर रहेंगे. वैसे भी कोरोना काल में मिनी बस ऑपरेटरों की हालत काफी खस्ता हो गई है. ऐसे में तब तक एसआरटी, टोकन टैक्स और वर्किंग कैपिटल की मांग पूरी नहीं होती है, तब तक निजी बस ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.
बीते करीब आठ माह से बस ऑपरेटरों ने हड़ताल पर जाने का सरकार को अल्टीमेटम दे रखा था. लेकिन, सरकार द्वारा कोई बात न बनती देख अब उन्होंने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. ऐसे में एक ओर कोरोना और ऊपर से बसों के न चलने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके लिए उन्होंने लोगों से माफी मांगी है. उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए खेद भी व्यक्त किया है. उन्होंने अपनी मजबूरी बताते हुए हड़ताल में जाने का निर्णय लिया है.
बस ऑपरेटर्स ने कहा कि सरकार एसआरटी, टोकन टैक्स और वर्किंग कैपिटल में राहत दे. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वयं घोषणा की थी कि वर्किंग कैपिटल में राहत दी जाएगी. लेकिन, अभी तक नहीं मिली. यूनियन मांग करती है कि सरकार हर साल 2 लाख रुपए वर्किंग कैपिटल दिया जाए यानी 20 लाख रुपए लोन के रूप में दिया जाए.
एचआरटीसी का दावा निगम ने चलाई हैं अतिरिक्त बसें
निजी बस ऑपरेटरों की प्रदेशव्यापी हड़ताल को देखते हुए पथ परिवहन निगम ने अतिरिक्त बसें चलाने का फैसला लिया है. एचआरटीसी परिवहन मजदूर संघ के प्रदेश सचिव यश पंडित ने कहा कि सरकार ने सभी डिपो प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि निजी बस ऑपरेटर की हड़ताल के चलते लोगों को दिक्कत न हो, इसके लिए सभी डिपुओं से अतिरिक्त बसों का संचालन किया जाए. उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए शिमला के सभी रूटों पर पर्याप्त मात्रा में बसें लगाई गई हैं. लेकिन, कोरोना वायरस के चलते बहुत कम लोग ही अपने घर से बाहर निकलकर सफर कर रहे हैं. जिसके चलते बसें खाली ही दौड़ रही हैं.