राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस समय कोई जिला ऐसा नहीं है, जहां कोरोना के मरीज न हों। अन्य राज्यों से प्रवासी बड़ी संख्या में वापस उत्तराखंड लौट रहे हैं। इनके वापस आने का कारण कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले ही हैं। हालांकि, सीमा पर पुलिस की सख्ती बरकरार है। पुलिस ने अभी तक बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के आने वाले 45 हजार से अधिक यात्रियों को राज्य की सीमा से ही लौटा दिया।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रवासी तेजी से वापस अपने घर की ओर लौट रहे हैं। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल जिलों में संक्रमण की दर काफी तेजी से बढ़ रही है। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने कई जिलों में कोविड कर्फ्यू लगाया है। इसके साथ ही गाइडलाइन जारी कर यह भी साफ किया है कि राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को सीमा पर पहुंचने से 72 घंटे पहले तक की अवधि की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य है। इसके साथ ही उन्हें स्मार्ट सिटी, देहरादून के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना भी जरूरी है।
26 अप्रैल के बाद से ही इस व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 40 जांच चौकी स्थापित की गई हैं। इनमें 300 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात हैं, जो वाहनों व दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। 26 अप्रैल से अभी तक 376645 व्यक्ति सड़क मार्ग से राज्य में पहुंचे हैं। इनमें से पुलिस ने 9321 वाहनों से आए 45297 व्यक्तियों को आरटीपीसीआर रिपोर्ट न लाने या स्मार्ट सिटी, देहरादून पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन न कराने के कारण वापस भेज दिया।
सीमा पर प्रवासियों की जांच का जिम्मा संभाल रही सहायक नोडल अधिकारी और एसएसपी, अभिसूचना निवेदिता कुकरेती ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सीमा पर सख्ती की जा रही है। बिना निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने वाले और स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन न कराने वालों को वापस भेजा जा रहा है।