झारखंड में कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। चिंताजनक तो यह है कि अब ग्रामीण इलाकों में भी इसका फैलाव होने लगा है। इससे ज्यादा संकट यह है कि संक्रमण बढ़ने के बावजूद राज्य में कोरोना जांच की रफ्तार काफी धीमी है। सिमडेगा में बुधवार को 22 मरीजों की पुष्टि की गई जिसमें 12 शहरी जबकि 10 ग्रामीण क्षेत्र से एक ही परिवार के हैं। गुमला में 47 मरीज मिलने की पुष्टि हुई है। इनमें 15 ग्रामीणों क्षेत्रों से हैं। उसी प्रकार चतरा में दो मरीज मिले जिनमें से एक ग्रामीण क्षेत्र का है। गढ़वा में मंगलवार को तीन संक्रमित मिले थे जो ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। रामगढ़ में भी पिछले 24 घंटे में 18 कोरोना मरीज मिले जो ग्रामीण क्षेत्रों के ही हैं।
जांच की रफ्तार धीमी
कोरोना संक्रमण बढ़ने के बावजूद राज्य में जांच की रफ्तार धीमी है। स्थिति यह है कि कई जिलों में रोज होने वाली जांच की संख्या 100 भी नहीं पहुंच पा रही है। यह स्थिति तब है, जब स्वास्थ्य सचिव केके सोन सभी उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर जांच बढ़ाने का निर्देश दे रहे हैं। 24 मार्च को राज्य भर में 11215 सैंपलों की जांच हुई थी। जिसमें 194 मरीज मिले थे जबकि, 30 मार्च को 11426 सैंपलों की जांच हुई, जिसमें 418 संक्रमित मिले हैं। यानी जांच की संख्या जहां 211 बढ़ी, मरीजों की संख्या 224 बढ़ गयी।
जांच में 72 प्रतिशत की कमी
पिछले दो दिनों (सोमवार व मंगलवार) राज्य में 17408 सैंपल की जांच हुई जिसमें 573 मरीज मिले हैं। यानी संक्रमण का दर 3.29 पाया गया है। जबकि, पिछले सप्ताह (22-28 मार्च) के बीच राज्य भर में 85145 सैंपल की जांच हुई जिसमें 1674 मरीज मिले हैं। यानी संक्रमण दर लगभग 2 प्रतिशत (1.96) पाया गया है। पिछले साल के पीक से तुलना करें तो संक्रमण दर में जहां महज 0.9 प्रतिशत की कमी है, वहीं जांच के मामले में 72 प्रतिशत की कमी है। आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल 21-27 सितंबर के बीच राज्य भर में 2,98,746 सैंपलों की जांच हुई, जिसमें 8557 पॉजिटिव पाए गए थे। जबकि, बीते 22-28 मार्च के बीच राज्य भर में 85145 सैंपलों की जांच हुई जिसमें 1674 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। यानी, सितंबर (21-27 ) में संक्रमण दर जहां 2.86 पाया गया था, मार्च (22-28 ) में संक्रमण दर 1.96 है। यानी संक्रमण दर में महज 0.9 प्रतिशत की कमी है। जबकि, सितंबर की तुलना में मार्च में 29.50 फीसदी जांच की गयी। यानी 71.50 फीसदी की कमी है।
एक माह में पांच गुणा हुआ संक्रमण
बीते फरवरी से मार्च की तुलना करें तो महज एक माह में संक्रमण दर लगभग पांच गुणा हो चुका है। राज्य भर में बीते 22-28 फरवरी के बीच 83865 सैंपलों की जांच में 353 मरीज मिले, यानी संक्रमण दर 0.42 पाया गया। जबकि, बीते 22-28 मार्च के बीच 85145 सैंपलों की जांच में 1674 मरीज मिले हैं। यानी संक्रमण बढ़कर 1.96 हो गया। यानी जांच प्रतिशत में जहां महज 1.5 प्रतिशत का ईजाफा हुआ है संक्रमण पांचगुणा (4.66 गुणा) बढ़ गया।
पिछले पांच दिनों में जांच की स्थिति
30 मार्च 11426 418
29 मार्च 5982 155
28 मार्च 11584 314
27 मार्च 12138 340
26 मार्च 11794 308
सचिव के लगातार निर्देश के बावजूद जिलों में नहीं बढ़ रही जांच की रफ्तार
– राज्य के कई जिलों में प्रतिदिन 100 सैंपल की भी नहीं हो पा रही जांच
– सितंबर में औसतन प्रतिदिन 49000 तो मार्च में महज 6000 की हो रही जांच
– फरवरी की तुलना में जांच में महज 1.5 प्रतिशत जबकि, मरीज में पांच गुणा इजाफा