WhatsApp का इस्तेमाल सिर्फ दोस्तो सें चैटिंग के लिए नहीं बल्कि कुछ जरूरी कामों के लिए भी कर सकते हैं, जैसे अगर आपको EPFO से जुड़ी कोई शिकायत है तो आप WhatsApp के जरिए इसका हल पा सकते हैं.
दिल्ली: EPFO WhatsApp: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों के लिए एक नई सर्विस शुरू की है. अब पीएफ खाताधारक Whatsapp हेल्पलाइन सेवा (EPFO whatsapp helpline service) के जरिए भी खाते से जुड़ी परेशानी दूर कर सकते हैं. इसका मतलब ये हुआ कि अब आपको पीएफ कार्यालय के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आपको सिर्फ Whatsapp पर अपनी परेशानी बतानी है, और यहीं पर आपको परेशानी का हल भी बताया जाएगा.
WhatsApp से कैसे करें शिकायत
EPFO के सभी 138 क्षेत्रीय कार्यालय (Regional Office) में whatsapp हेल्पलाइन सर्विस शुरू कर दी गई है. कोई भी EPFO का सदस्य Whatsapp मैसेज के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. अपने क्षेत्र का Whatsapp नंबर पता करने के लिए खाताधारक EPFO की आधिकारिक वेबसाइट https://www.epfindia.gov.in पर विजिट कर सकते हैं. या फिर इस लिंक को क्लिक कर भी अपने क्षेत्र का नंबर पता किया जा सकता है.
EPFO के कॉल सेंटर से भी ले सकते हैं मदद
EPFO की दूसरी सुविधाओं में EPFIGMS पोर्टल (ऑनलाइन शिकायत समाधान पोर्टल), CPGRAMS, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक और ट्विटर) और 24 घंटे काम करने वाला कॉल सेंटर शामिल हैं. https://www.epfindia.gov.in/site_docs/PDFs/Downloads_PDFs/WhatsApp_Helpline.pdf के जरिए आपको पूरी मदद मिलेगी.
बिचौलियों से मिल जाएगी आजादी
EPFO की कोशिश है कि लोग अपनी मेहनत की कमाई निकालने के वक्त बिचौलियों के चक्कर में न फंसें. दरअसल होता ये है कि जब भी कोई खातेदार पीएफ कार्यालय जाता है तो वहां बिचौलियों के चक्कर में फंस जाता है. सरकार की कोशिश है कि ऑनलाइन के जरिए सभी खातेदार अपनी समस्या सुलझाएं. इससे लोगों को अपनी मेहनत की कमाई पूरी मिलेगी. कम वक्त में पैसा ट्रांसफर होने से लोगों का सिस्टम पर भरोसा भी बढ़ेगा.
आपकी सैलरी से कटता है पीएफ
किसी भी कर्मचारी के मूल वेतन से 12 फीसदी हिस्सा पीएफ खाते में जाता है. इतना ही हिस्सा कंपनी की तरफ से भी दिया जाता है. साल भर की जमा रकम पर सरकार की तरफ से ब्याज दिया जाता है. आम तौर पर पीएफ खाते की ब्याज दर दूसरे खाते की ब्याज दरों के मुकाबले काफी ज्यादा रहती है. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दर 8.50 फीसदी तय की गई है.