Vaastu Remedy 2021: चंचल होना बच्चों का एक स्वाभिक गुण होता है. परन्तु कुछ बच्चे इस चंचलता के कारण बार – बार गिरते रहते हैं परिणाम स्वरूप उन्हें चोट भी लग जाती है. परन्तु कभी – कभी ऐसा भी होता है कि यह चोट अधिक गहरी होती है जिससे बच्चे अधिक आहत होते हैं. ऐसा माना जाता है कि 12 वर्ष की आयु तक बच्चों पर चन्द्रमा का प्रभाव होता है. चंद्रमा की स्थिति अनुकूल न होने के कारण बच्चा अपनी चंचलता के चलते स्वयं चोट लगा बैठता है. ऐसे में वास्तु में कुछ ऐसे आसान से उपाय बताये गए हैं, जिसे अपनाकर बच्चों को चोट लगाने से बचाया जा सकता है. साथ ही इससे चंद्रमा की प्रतिकूलता कम हो जाती है और बच्चों का गिरना भी कम हो जाता है. आइये जानते हैं ये आसान से उपाय:-
- बच्चों को गले में अर्धचन्द्र का लॉकेट पहनाएं, इससे बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और चोट एवं दुर्घटना में भी कमी आती है.
- बच्चे या बड़े भी दुर्घटनाओं से बचने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमानजी के मंदिर में मिटटी के दिए में चमेली का तेल डालकर दीपक जलाएं.
- हनुमान जी के मंदिर में जब भी जाएं तब बच्चों के हाथ में मौली अवश्य बंधवायें. इससे दुर्घटनाओं में कमी आती है.
- हनुमान जी के मंदिर में जाकर गुड और चने का प्रसाद अवश्य बांटें.
- पक्षियों को लाल मसूर खिलाने से भी हादसों से बचाव होता है.
- घर की छत पर लाल पताका लगाने से भी दुर्घटनाओं से बचाव होता है.
- माना जाता है कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए घर से निकलते समय मुंह मीठा करके न निकलें.
- बच्चों के सोते समय उनके सिरहाने जूता-चप्पल न रखें.
- सिरहाने की ओर जल से भरे बर्तन रखकर न सोएं.
- बच्चों को मोती पहनाने से भी हादसों में बचाव होता है.
- पिरामिड सकारात्मक उर्जा का स्त्रोत होता है. इसे किसी भी वाहन में रखने से एकाग्रता में वृद्धि होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
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