भारतीय रेलवे ने एक के बाद एक कई कीर्तिमान स्थापित किए और अब ऊंचे-ऊचे पहाड़ों में भी भारतीय रेल बड़ी ही तेजी के साथ दौड़ रही है. इसी में से एक जगह है तमिलनाडु (Tamilnadu). यहां नीलगिरी माउंटेन रेलवे (Nilgiri Mountain Railway Line) ने अपने जबरदस्त ट्रैक की वजह से दुनियाभर में एक अलग पहचान बनाई है. ये ट्रेन बेहद खूबसूरत वादियों के बीच से गुजरती है और आपको कुदरत के कई अलग नजारों का दीदार कराती है.
नई दिल्ली: सर्दियों का मौसम अब धीरे- धीरे खत्म हो रहा है. ऐसे में बदलते मौसम में अगर आप भी घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आप भारतीय रेल (Indian Railway) की यात्रा कर सकते हैं. भारतीय रेल आपको कई हसीन वादियों और पहाड़ों के बीच घुमाएगा. इस रेल की अपनी कई खासियत हैं. तो चलिए जानते हैं इस शानदार रेल के बारे में.
भारतीय रेल का कीर्तिमान
पहले पहाड़ी क्षेत्र में रेल का आवागमन कम था. लेकिन भारतीय रेलवे ने एक के बाद एक कई कीर्तिमान स्थापित किए और अब ऊंचे-ऊचे पहाड़ों में भी भारतीय रेल बड़ी ही तेजी के साथ दौड़ रही है. इसी में से एक जगह है तमिलनाडु (Tamilnadu). यहां नीलगिरी माउंटेन रेलवे (Nilgiri Mountain Railway Line) ने अपने जबरदस्त ट्रैक की वजह से दुनियाभर में एक अलग पहचान बनाई है. ये ट्रेन बेहद खूबसूरत वादियों के बीच से गुजरती है और आपको कुदरत के कई अलग नजारों का दीदार कराती है.
ऊटी और कुन्नूर को जोड़ती है ये ट्रेन
नीलगिरी माउंटेन रेलवे ने मेट्टुपालयम (Mettupalayam) और ऊटी (Ooty) के बीच ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू किया है. अपनी यात्रा के दौरान ये ट्रेन तमिलनाडु में कुन्नूर (Coonoor) से ऊटी के बीच चलती है. आपको बता दें कि ये ट्रेन दक्षिण भारत (South India) के दो सबसे मशहूर हिल स्टेशन ऊटी और कुन्नूर को जोड़ती है. गौरतलब है कि ये ट्रेन भाप से चलती है. इस ट्रेन के रूट को यूनेस्को ने हेरिटेज साइट (Heritage site) घोषित किया था. हर साल हजारों की संख्या में लोग इस रूट पर यात्रा करते हैं. ये यात्रा प्रकृति के उन नजारों को दिखाती है जिससे शायद आप अबतक अंजान हों.
ट्रेन में स्वीस एक्स क्लास कोयले वाला इंजन
गौरतलब है कि इस कठिन रूट पर चलने वाली रेल में स्वीस एक्स क्लास कोयले वाला इंजन इस्तेमाल किया जाता है जो दुनिया के सबसे पुराने रेलवे इंजन में से एक है. इस रूट पर कुल 13 रेलवे स्टेशन हैं, जो बेहद ही खूबसूरत जगह पर बने हुए हैं. इस ट्रेन में सफर करते हुए जन्नत का एहसास होता है.
खूबसूरत वादियों के बीच दौड़ती ट्रेन
ऊंची पहाड़ियों और खूबसूरत वादियों के बीच दौड़ता ये ट्रैक साल 1908 में बना था. इस छोटी ट्रेन में बस चार डिब्बे और 180 सीटें होती हैं. माना जाता है कि ये ट्रेन एशिया (Asia) की सबसे ऊंची और लंबी मीटर गेज पर चलती है. वहीं इस ट्रेन रूट पर 10 से ज्यादा सुरंग हैं और 258 ब्रिज हैं जो इस ट्रेन की यात्रा को शानदार और रोचक बनाती है.