एसोचैम के कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि रूसी सरकार की मदद से जल्द से जल्द ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) को भी अंतिम रूप दे दिया जाएगा. ऐसा होते ही 2 साल में भारत टोल मुक्त हो जाएगा.
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने देशभर के टोल नाकों को लेकर बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि 2 साल में पूरे देश को टोल नाका मुक्त (toll naka mukat) कर दिया जाएगा. इससे पूरे देश में वाहन बिना रुकावट के कहीं भी आ-जा सकेंगे.
एसोचैम के कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि रूसी सरकार की मदद से जल्द से जल्द ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) को भी अंतिम रूप दे दिया जाएगा. ऐसा होते ही 2 साल में भारत टोल मुक्त हो जाएगा.
ऐसे वसूला जाएगा शुल्क
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘इसके बाद पैसा बैंक खातों से सीधे डिडक्ट कर लिया जाएगा. ये पैसा वाहन के मूवमेंट के आधार पर लिया जाएगा. अभी सभी कमर्शियल वाहन व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम के साथ आ रहे हैं, वहीं पुराने वाहनों में जीपीएस इंस्टॉल करने के लिए सरकार कुछ योजना लेकर आएगी.’
यह घोषणा करते हुए गडकरी ने यह भी कहा कि इससे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) टोल की आय 5 साल में 1.34 ट्रिलियन तक बढ़ जाएगी. ऐसा GPS टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के कारण होगा. इससे लेन-देन में पारदर्शिता भी आएगी और कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा.
नाफाखोरी को लेकर दी चेतावनी
एसोचैम फाउंडेशन वीक 2020 को वर्चुअल तौर पर संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने इस्पात विनिर्माताओं को मुनाफाखोरी को लेकर भी सचेत किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रमुख कंपनियों द्वारा पिछले छह महीनों में इस्पात की कीमत 55 प्रतिशत तक बढ़ाने की ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया है, जिसके चलते परियोजनाओं को पूरा करना मुश्किल हो रहा है.
सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री ने आगे कहा कि अगर कंपनियां इस पर अंकुश लगाने में विफल रहीं तो सरकार को नीतियों में बदलाव करना होगा और परियोजनाओं में वैकल्पिक प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना होगा.
गौरतलब है कि गडकरी इससे पहले ही सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स द्वारा सांठगांठ करने को लेकर भी चेतावनी दे चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘इस्पात और सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स के लिए एक दीर्घकालिक नीति की जरूरत है…एक समान नीति.’ साथ ही उन्होंने कहा कि कीमतों में 15-20 फीसदी बढ़ोतरी को सही कहा जा सकता है, लेकिन अभी ये बहुत अधिक है.
उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरर्स उत्पादन बढ़ाकर लाभ कमा सकते हैं, वर्ना परियोजनाएं अव्यवहारिक हो जाएंगी.