केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु का ‘बैकएंड कोड’ जारी कर दिया है. इससे इस ऐप के बारे में अब तक गोपनीयता और सुरक्षा संबंधी जितनी भी आशंकाएं लोगों के मन में थी, वे दूर हो सकेंगी. बता दें कि इस ऐप को कोरोना से संक्रमित लोगों का पता लगाने के लिए लाया गया था. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक सभी कोड साझा करने की सरकार की नीति के तहत इससे पहले आरोग्य सेतु ऐप के एंड्रॉयड और आईओएस वर्जन का सोर्स कोड जारी किया गया था और अब बैकएंड सोर्स कोड जारी किया गया है.
मंत्रालय ने बैंकएंड जारी कर अपने बयान में कहा कि इससे लोगों को यह समझने में मदद मिलेगी कि ऐप किस तरह काम करता है. केंद्र सरकार ने ई-गवर्नेंस ऐप के सोर्स कोड को साझा करने और इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा स्थापित ओपेन फोर्ज प्लेटफॉर्म पर आरोग्य सेतु के बैकएंड कोड को जारी किया है.
16.64 करोड़ लोग कर चुके हैं डाउनलोड
केंद्र सरकार ने इस ऐप को दो अप्रैल को जारी किया था. इस ऐप का संचालन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एआईसी) कर रही है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि आरोग्य सेतु ऐप को पारदर्शी तरीके से विकसित किया गया है और इसके बारे में सभी जानकारी आरोग्य सेतु के पोर्टल पर अपलोड की गई है. इस ऐप पर दी गई जानकारी के मुताबिक इसे 16..44 करोड़ लोग डाउनलोड कर चुके हैं.
ऐप को लेकर हो चुका है विवाद
बता दें कि आरोग्य सेतु को लेकर विवाद हो चुका है. इसे लेकर आरोप लग रहा था कि इसके जरिए सरकार लोगों की निगरानी कर रही है और इसका सोर्स कोड भी उपलब्ध नहीं करा रही है. केंद्र सरकार ने इसे कोरोना संक्रमितों की ट्रेसिंग के लिए शुरू किया था. इसकी वेबसाइट के मुताबिक इसे एनआईसी और आईटी मंत्रालय ने मिलकर तैयार किया है लेकिन एक आरटीआई में दोनों ने कहा था कि इसे ऐप को किसने डेवलप किया, इसकी जानकारी नहीं हैं. ऐसे में विवाद गहरा बढ़ गया. हालांकि बाद में केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि इसे 31 दिनों के रिकॉर्ड समय में पीपीपी मॉडल के तहत तैयार किया गयै है.