भारत सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पोस्ट ऑफिस की एक स्मॉल सेविंग्स स्कीम है. ये स्कीम सेफ है और इसमें निवेश करने पर अच्छा ब्याज मिलता है. किसी बच्ची के जन्म लेने के बाद 10 साल की उम्र से पहले इस योजना के तहत खाता खोला जा सकता है. 18 साल की उम्र के बाद बच्ची की उच्च शिक्षा के लिए 50 फीसदी तक रकम निकाली जा सकती है. 21 साल के होने पर या लड़की की शादी होने के बाद अकाउंट मैच्योर हो जाता है और पूरा पैसा ब्याज सहित मिल जाता है.
मैच्योरिटी के समय कितना पैसा मिलेगा?
अगर आप सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आप मैच्योरिटी के समय मिलने वाले पैसों को आज ही कैलकुलेट कर सकते हैं. लेकिन सबसे पहले योजना के पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा. बच्ची को भारत का निवासी होना अनिवार्य है. उसकी उम्र 10 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 250 और अधिकतम 1.5 लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं. लड़की के 14 साल पूरे होने तक हर साल कम से कम एक योगदान करना अनिवार्य है. इसके बाद 15 से 21 साल की उम्र तक खाते में कोई राशि जमा करना जरूरी नहीं है. मौजूदा ब्याज दर के हिसाब से आगे मैच्योरिटी के समय तक कैलकुलेट किया जा सकता है.
इस हिसाब से मिलता है लाभ
मान लीजिए 2020 में कोई व्यक्ति 1,000 रुपए महीने से अकाउंट खोलता है तो उसे 14 साल तक यानी 2033 तक हर साल 12 हजार रुपए डालने होंगे. हर साल 8.6 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा तो जब बच्ची 21 साल की होगी तो उसे 6,07,128 रुपए मिलेंगे. गौर करने वाली बात यह है कि 14 सालों में अकाउंट में कुल 1.68 लाख रुपए ही जमा करने पड़े. बाकी के 4,39,128 रुपए ब्याज के हैं.
आयकर छूट का मिलता है लाभ
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है. इस योजना में PPF की तुलना में अधिक ब्याज मिलता है. पोस्ट ऑफिस के अलावा आप बैंक जाकर इस योजना के तहत खाता खुलवा सकते हैं. खाता खुलवाने के लिए बच्ची का बर्थ सर्टिफिकेट, अभिभावक के पते का प्रमाण पत्र या फिर आधार कार्ड जरूरत होगी. अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो आप राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली बिल, पासपोर्ट आदि डॉक्यूमेंट के जरिए भी खाता खुलवा सकते हैं.