नई दिल्लीः वो वक्त आ गया है जब घर से लेकर मंदिरों और शहर के पांडालों में मां दुर्गा के जयकारे गूंजेगे. कोविड-19 के बीच का समय भक्ति की स्वर लहरियों से सराबोर हो जाएगा. इस साल 17 अक्टूबर से शरदीय नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है. शरदीय नवरात्रि 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक चलेगी. विजयादशमी का त्यौहार 25 और 26 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाएगा. 9 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है.
दुनियाभर में व्यापक रूप से मनाया जाने वाला 5 दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव बंगालियों का प्रमुख त्योहार है. इस साल यह 22 से 26 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. नवरात्र के दौरान देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है. हर एक दिन देवी (Durga Puja 2020) के एक अलग रूप की उपासना करने से भक्त को अलग-अलग रूपों से आशीर्वाद प्राप्त करने का मौका मिलता है. यहां हम आपको नवरात्रि के हर दिन के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं.
यहां देखें नवरात्रि और दुर्गा पूजा त्योहारों का कैलेंडर- शरद नवरात्रि 2020
17 अक्टूबर, पहला दिन- प्रतिपदा, घटस्थापना, शैलपुत्री पूजा
18 अक्टूबर, दूसरा दिन- द्वितीय, चंद्र दर्शन, ब्रह्मचारिणी पूजा
19 अकटूबर, तीसरा दिन – तृतीया, सिन्दूर तृतीया, चन्द्रघंटा पूजा
20 अक्टूबर, चौथा दिन 4 – चतुर्थी, कुष्मांडा पूजा, विनायक चतुर्थी, उपंग ललिता व्रत
21 अक्टूबर, दिन 5वां – पंचमी, स्कंदमाता पूजा, सरस्वती अवाहन
22 अक्टूबर, दिन 6वां – षष्ठी, कात्यायनी पूजा, सरस्वती पूजा
23 अक्टूबर, दिन 7वां – सप्तमी, कालरात्रि पूजा
24 अक्टूबर, दिन 8 – अष्टमी, दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा, संधि पूजा, महा नवमी
25 अक्टूबर, दिन 9 – नवमी, आयुध पूजा, नवमी होमा, नवरात्रि परना, विजयादशमी
26 अक्टूबर, दिन 10 – दशमी, दुर्गा विसर्जन
द्रिकपंचांग के अनुसार दुर्गा पूजा कैलेंडर 2020 (according to drikpanchang.com)
21 अक्टूबर, दिन 1 – पंचमी, कार्तिक 04, 1427, बिल्व निमन्त्रन, कल्पम्बर, अकाल बोधन, अमंत्रन और आदिवास
22 अक्टूबर, दिन 2 – षष्ठी, कार्तिक 05, 1427, नवपत्रिका पूजा, कोलाबौ पूजा
23 अक्टूबर, दिन 3 – सप्तमी, कार्तिक 06, 1427
24 अक्टूबर, दिन 4 – अष्टमी, कार्तिक 07, 1427, दुर्गा अष्टमी, कुमारी पूजा, संधि पूजा, महा नवमी
25 अक्टूबर, दिन 5 – नबामी, कार्तिक 08, 1427, बंगाल महा नवमी, दुर्गा बालिदान, नवमी होमा, विजयदशमी
26 अक्टूबर, दिन 6 – दशमी, कार्तिक 09, 1427, दुर्गा विसर्जन, बंगाल विजयदशमी, सिंदूर उत्सव
5वें दिन से शुरू हो जाती हैं भव्य तैयारियां
दुर्गा पूजा को नवरात्रि के अलावा दुर्गोत्सव के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें भक्तों द्वारा मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है. नवरात्रा को हर कोई अपने-अपने तरीके से सेलिब्रेट करता है. कोई इन दिनों दोनों वक्त अन्न जल त्यागकर मां की आराधना में लीन रहता है तो कोई फलाहार लेकर व्रत करता है. तमाम भक्त ऐसे भी हैं जो मां की अन्न-जल आहार लेते हैं लेकिन दोनों वक्त पूजा करते हैं. नवरात्रों के 5-दिवसीय उत्सव की तैयारी लोग काफी पहले से करते हैं. इन दिनों लोग भक्ति में सराबोर हो जाते हैं और मस्ती का आनंद लेते हैं. पंडाल और पारंपरिक अनुष्ठानों से तमाम स्थल आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं.