नई दिल्ली. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय मोबाइल रोमिंग (International Roaming Services) के लिए नियमों में बदलाव किया है. TRAI ने दूरसंचार ऑपरेटरों (Telecom Companies) को यह सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य कर दिया कि वे डिफ़ॉल्ट रूप से अंतरराष्ट्रीय मोबाइल रोमिंग एक्टिव नहीं कर सकते हैं. उपभोगता की मांग पर ही इस सर्विस को चालू किया जाए. अगर ग्राहक उसे एक्टिवेट करवाता है तो फिर उसे उसकी रिक्वेस्ट पर डिएक्टिवेट किया जा सकता है. इस नोटिफिकेशन के 30 दिन के अंदर इन शर्तों को लागू करना होगा. ट्राई ने मई में इसके लिए कंसलटेशन पेपर जारी किया था.
कस्टमर को सूचित करना जरूरी
TRAI के नियम के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मोबाइल रोमिंग के एक्टिव होते ही दूरसंचार कंपनी को उपभोक्ताओं को सूचित करना होगा. एसएमएस, ई-मेल या मोबाइल ऐप के माध्यम से, उपभोक्ताओं को सेवाओं के सक्रियण और लागू टैरिफ के बारे में जानकारी देनी होगी. ये टैरिफ वन-टाइम या आवर्ती (recurring) इसके बारे में कस्टमर को सूचित करना होगा. इससे उपभोक्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय रोमिंग पर बिल के झटके से बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे भी ट्राई ने बताया है. अगर आप मोबाइल का Postpaid कनेक्शन इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको बिल को लेकर ज्यादा सतर्क रहना चाहिए. ऐसा Trai का कहना है.
बिल शोक से बचाने के लिए जारी किये नियम
रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन इस बारे में ट्राई से कह चुके हैं कि Roaming charge को लेकर कोई फैसला नहीं होना चाहिए. अगर इसे रेगुलेट किया जाएगा तो इससे सर्विस पर असर पड़ेगा. बता दें कि TRAI ने टेलीकॉम उपभोक्ताओं को बिल शोक से बचाने के लिए इंटरनेशनल रोमिंग पर यह नियम जारी किया है. इससे पहले जियो ने फ्लाइट्स में कनेक्टिविटी देने का ऐलान किया था.