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COVID-19 की वैक्सीन पर DCGI की नई गाइडलाइन जारी, कम से कम 50% कारगर होना जरूरी

DCGI Guidelines on Covid-19 vaccine: ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने COVID-19 की वैक्सीन तैयार कर रहे फार्मा कंपनियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है. DCGI ने साफ कहा है कि एक COVID-19 वैक्सीन बना रही कंपनी के पास तीसरे फेज के ट्रायल के लिए वेक्सीन की कम से कम 50 फीसदी एफिसिएंसी यानी प्रभावकारिता होनी चाहिए, ताकि इसके लिए व्यापक रूप से तैनाती की जा सके. यह गाइडलांइस मरीजों की सेफ्टी को ध्यान में रखकर जारी किया गया है. बता दें कि दुनियाभर में कोविड 19 के बढ़ते मामलों के बीच 150 से ज्यादा घरेलू और विदेशी कंपनियां वेक्सीन पर काम कर रही हैं.

नई गाइडलाइंस के मुताबिक, कोरोना की वैक्सीन विकसित करने वाली फार्मा कंपनियों को वैक्सीन से जुड़े संवर्धित श्वसन रोग (ईआरडी) के संभावित जोखिम को सूचित करने के लिए पर्याप्त डेटा मुहैया कराना होगा. DCGI ने नई गाइडलाइंस में इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि गर्भावस्था में और प्रसव की क्षमता वाली महिलाओं में कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल टीकाकरण कार्यक्रमों के मुताबिक हो.

वैक्सीन बनाने वालों के लिए क्या जरूरी

COVID-19 वैक्सीन के लिए नए दिशा निर्देश के अनुसार वैक्सीन डेवलपर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह वेल करेक्टराइज हो और लगातार बनती रहे. गाइडलांइस में है कि COVID-19 की रोकथाम के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन की तत्काल आवश्यकता है. इसी के आधार पर COVID-19 वैक्सीन के लिए क्लीनिकल डेवलपमेंट प्रोग्राम एक अनुकूली और सहज दृष्टिकोण के माध्यम से आगे बढ़ाया जाए. वहीं, वैक्सीन से जुड़े ERD के संभावित जोखिम को भी ध्यान में रखा जाए.

100 फीसदी एफिसिएंसी संभव नहीं

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि एक वैक्सीन के लिए तीन चीजें अहम हैं – (i) सुरक्षा, (ii) इम्युनोजेनेसिटी, और (iii) प्रभावकारिता. यहां तक ​​कि, WHO का कहना है कि अगर हम 50 फीसदी से अधिक एफिसिएंसी प्राप्त कर सकते हैं तो यह एक स्वीकृत वैक्सीन होगी. रेसपिरेटरी वायरस के लिए हमें कभी भी 100 फीसदी एफिसिएंसी नहीं मिलती है. हम 100 फीसदी एफिसिएंसी के लिए लक्ष्य बना रहे हैं, लेकिन 50-100 फीसदी प्राप्त कर सकते हैं.

देश में 30 वैक्सीन पर चल रहा काम

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि देश में कोरोना की 30 वैक्सीन पर काम हो रहा है. इनमें से तीन वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में है, जबकि चार वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल से पहले की अवस्था में हैं. हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा था कि भारत भी अन्य देशों की तरह ही वैक्सीन बनाने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है. हमें उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में भारत में वैक्सीन उपलब्ध होगा.

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