नई दिल्ली: GST को देश के इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम में सबसे बड़ा रिफॉर्म माना जाता है, इसे सफलतापूर्वक लागू करने का श्रेय जाता है देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को, जिनकी आज पहली पुण्यतिथि भी है. इस मौके पर मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें याद करते हुए कई ट्वीट्स (tweets) किए. वित्त मंत्रालय के ट्वीट्स में बताया गया कि कैसे GST से कारोबारियों और आम लोगों की जिंदगी पर टैक्स का बोझ कम हुआ है. GST के आने के बाद कंप्लायंस आसान और टैक्सपेयर बेस बढ़कर 1.24 करोड़ पहुंच गया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि GST से पहले वैल्यू एडेड टैक्स (VAT), एक्साइज, सेल्स टैक्स और दूसरे तरह के तमाम टैक्स मिलाकर कुल टैक्स रेट 31 परसेंट तक होता था. अब ये साबित हो चुका है कि GST कंज्यूमर और टैक्सपेयर दोनों के लिए फायदेमंद है.
GST से कारोबारियों को मिली राहत
वित्त मंत्रालय ने बताया कि 40 लाख रुपये सालाना टर्नओवर वाले कारोबार को GST से छूट दी गई है, ये लिमिट पहले 20 लाख रुपये थी. इसके अलावा अब 1.5 करोड़ टर्नओवर वाले भी कंपोजीशन स्कीम का फायदा उठा सकेंगे, और सिर्फ 1 परसेंट टैक्स देकर अपना कारोबार कर सकेंगे. जबकि पहले ये स्कीम 75 लाख रुपये सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को मिलती थी.
सभी जरूरी चीजों पर टैक्स घटाया
वित्त मंत्रालय ने बताया कि GST जब लागू हुआ था, तो बड़ी संख्या में उत्पादों पर टैक्स घटा, इस वक्त 28 परसेंट टैक्स के दायरे में सिर्फ लग्जरी और नुकसान पहुंचाने वालीं चीजें शामिल हैं. 28 परसेंट के दायरे में पहले 230 चीजें थीं, जिसमें से 200 चीजों को निचले टैक्स स्लैब में डाल दिया गया है. हाउसिंग सेक्टर को 5 परसेंट स्लैब में डाला गया है, जबकि अफोर्डेबल हाउसिंग को 1 परसेंट में रखा गया है. GST की प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑटोमैटिक कर दिया गया है. इसके अलावा अबतक 50 करोड़ रिटर्न ऑनलाइन दाखिल हो चुके हैं, और 131 करोड़ ई-वे बिल जेनरेट हुए हैं.
रोजमर्रा की चीजें सस्ती हुईं
वित्त मंत्रालय ने बताया कि सामान्य तौर पर रोजाना इस्तेमाल की चीजों जैसे तेल, टूथपेस्ट, साबुन वगैरह पर टैक्स GST के आने के बाद कम हुआ है. GST से पहले इन पर 29.3 परसेंट टैक्स लगता था, जो अब घटकर 18 परसेंट हो गया है. इतना ही नहीं GST से पहले सिनेमा पर 35 परसेंट से लेकर 110 परसेंट टैक्स लगता है अब इस पर 12-18 परसेंट GST लगता है.
वित्त मंत्रालय के मुताबिक जब GST की शुरुआत हुई थी, तो सिर्फ 65 लाख ही असेसी (assessees) थे, जो अब बढ़कर 1.24 करोड़ रुपये हो गए हैं. GST को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था, जिसमें करीब 17 टैक्स को मिलाकर एक कर दिया गया था.