नई दिल्ली. आयकर विभाग (Income tax Department) ने पहचान रहित कर इनकम टैक्स रिटर्न आकलन (Faceless Assessment) को लागू करने के लिए अधिकारियों की भूमिका के बंटवारे या सीमांकन को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसके तहत नेशनल ई-असेसमेंट सेंटर (NEAC) ही करदाताओं से संपर्क का मुख्य गेटवे होगा. आसान शब्दों में समझें तो आकलन अधिकारी (Assessor) अब सीधे करदाता (Taxpayers) से नहीं मिल सकेंगे.
एनईएसी-आरईएसी फेसलेस असेसमेंट प्रोसेस का करेंगे प्रबंधन
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 20 शहरों में फेसलेस असेसमेंट योजना के क्रियान्वयन के लिए दिल्ली में एनईएसी और विभिन्न रीजनल ई-असेसमेंट सेंटर्स (REAC) को अधिसूचित किया है. सीबीडीटी ने योजना के क्रियान्वयन के दिशानिर्देशों में कहा है कि एनईएसी या आरईएसी फेसलेस असेसमेंट प्रोसेस का प्रबंधन करेंगे. इसमें कहा गया है कि सभी कामकाज इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से किया जाएगा, जिसके लिए एनईएसी गेटवे (Gateway) की भूमिका में होगा.
REAC टैक्सपेयर्स से सीधे नहीं करेंगे किसी भी तरह का संपर्क
सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि आरईएसी के अधिकारी और कर्मचारी आयकर कानून (Income Tax Act) के तहत आकलन व सत्यापन (Verification) का काम करेंगे, लेकिन विभाग की ओर से करदाताओं या तीसरे पक्ष से संपर्क का काम सिर्फ एनईएसी के नाम पर ही किया जा सकेगा. फेसलेस असेसमेंट योजना के तहत आरईएसी किसी तरह का संपर्क नहीं करेंगे. दिशानिर्देशों में आगे कहा गया है कि आयकर कानून के तहत सर्वे का अधिकार अब केवल जांच निदेशालय के पास होगा.
NEAC-REAC की भूमिका और जिम्मेदारी कर दी गई स्पष्ट
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कराधान शुल्क या किसी अन्य तरह के शुल्क के लिए सर्वे का काम जांच निदेशालय के साथ मिलकर किया जाएगा. नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के पार्टनर शैलेश कुमार ने कहा कि विस्तृत दिशानिर्देशों में एनईएसी, आरईएसी और अन्य क्षेत्रों की भूमिका तथा जिम्मेदारियों का स्पष्ट तौर पर बंटवारा कर दिया गया है ताकि व्यवस्था को बहाल करने में किसी तरह की दिक्कत ना हो.