बीमा धारकों को राहत देते हुए रेगुलेटर इरडा ने मंगलवार को जनरल और हेल्थ बीमा कंपनियों को कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए मेक शिफ्ट या अस्थायी अस्पताल के लिए क्लेम सेटलमेंट करने को कहा है. कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए, कुछ राज्य सरकारों ने मेक शिफ्ट या अस्थायी अस्पताल स्थापित किए हैं. कोरोना वायरस के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और देश में इसके आंकड़े के 10 लाख को पार करने की उम्मीद है.
इरडा ने सर्रकुलर में क्या कहा ?
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (इरडा) ने एक सर्रकुलर में कहा कि इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कि कोरोना वायरस के इलाज की लागत को पॉलिसी कॉन्ट्रैक्ट के नियमों और शर्तों के मुताबिक कवर किया जाए, राज्य या केंद्र सरकार द्वारा मंजूर किसी मेक शिफ्ट या अस्थायी अस्पताल को अस्पताल या नेटवर्क प्रोवाइडर के तौर पर देखा जाएगा. और बीमा कंपनियों को दिए गए नियमों के मुताबिक क्लेम सेटलमेंट करना होगा.
रेगुलेटर ने कहा कि जब बीमाधारक को कोविड-19 का पता चलता है और कवह किसी चिकित्सक या उपयुक्त सरकारी प्रशासन की सलाह पर किसी ऐसे मेक शिफ्ट या अस्थायी अस्पताल में भर्ती होता है, तो पॉलिसी कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक नियमों और शर्तों में दी गई अस्पताल की परिभाषा के बावजूद इलाज के खर्चों का सेटलमेंट बीमा कंपनियों को करना होगा.
क्लेम की गाइडलाइंस में भी शामिल करने का सुझाव
इसके बाद आगे कहा गया है कि किसी नेटवर्क प्रोवाइडर ने किसी ऐसे मेक शिफ्ट या अस्थायी अस्पताल को स्थापित किया है, ऐसे मेक शिफ्ट या अस्थायी अस्पताल को नेटवर्क प्रोवाइडर के विस्तार के तौर पर देखा जाएगा और कैशलैस सुविधा को उपलब्ध कराया जाएगा.
रेगुलेटर ने जनरल और हेल्थ बीमा कंपनियों को यह भी निर्देश दिया है कि ऐसे सभी क्लेम का उपयुक्त रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के मुताबिक जल्द सेटलमेंट किया जाए. बीमा कंपनियों को इन नियमों को क्लेम की गाइडलाइंस में भी शामिल करने और इसकी जानकारी तुरंत सभी थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर्स (TPAs) को देने का सुझाव दिया गया है.