वाशिंगटन. कोरोना संकट (COVID-19 Crisis) के बीच अमेरिका में बढ़ी बेरोजगारी दर के चलते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत को तगड़ा झटका देते हुए H1-B वीजा पर पाबंदियों की घोषणा कर दी है. 31 दिसंबर 2020 तक इस पर रोक लगाने की घोषणा की गई है. ट्रंप के इस फैसले से दुनियाभर से अमेरिका में नौकरी करने का सपना देखने वाले करीब ढाई लाख लोगों को धक्का लग सकता है. इससे सबसे बड़ा नुकसान भारतीय पेशेवरों को होगा. आपको बता दें कि अमेरिका में काम करने वाली कंपनियों को विदेशी कामगारों को मिलने वाले वीजा को एचवनबी वीजा कहते हैं. इस वीजा को एक तय अवधि के लिए जारी किया जाता है.
अमेरिका में काम करने के लिए H1-B वीजा पाने वाले लोगों में सबसे ज्यादा भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स होते हैं. ऐसे में वीजा पाबंदियों का सबसे ज्यादा नुकसान भारतीयों को होना तय है. हालांकि, ये भी माना जा रहा है कि नई वीजा पाबंदियों से इस समय वर्क वीजा पर अमेरिका में काम करने वाले लोगों पर असर नहीं पड़ेगा.
एचवनबी वीजा के बारे में जानिए…
>> अमेरिका में काम कर रही कंपनियां अगर किसी विदेशी व्यक्ति को नौकरी देना चाहती है तो कर्मचारी एचवनबी वीजा लेकर ही अमेरिका में किसी कंपनी में काम कर सकता है. भारत से बड़ी संख्या में आईटी प्रफेशनल्स एचवनबी वीजा के साथ अमेरिका में काम करने जाते हैं.
>> एचवनबी वीजा 3 साल के लिए दिया जाता है जिसे अधिकतम 6 वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है. एचवनबी वीजा खत्म होने के बाद आवेदकों को अमेरिका में नागरिकता के लिए आवेदन करना होता है. इसके लिए आवेदक को ग्रीन कार्ड दिया जाता है.
>> अगर एचवनबी वीजा खत्म होने के बाद आवेदक को ग्रीन कार्ड नहीं मिलता तो उसे अगले एक साल अमेरिका से बाहर रहना होगा और एक साल बाद फिर से एचवनबी वीजा के लिए आवेदन करना होगा.
>> यह वीजा काम करने और अमेरिका में स्थायी नागरिकता के आवेदन दोनो के लिए दिया जाता है. लेकिन आवेदक को वीजा खत्म होने से पहले ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करना होगा.
>> इसका सबसे बड़ा फायदा है कि इसके लिए कोई भी विदेशी आवेदन कर सकता है. इस वीजा के तहत वीजाधारक अपने बच्चों और पति/पत्नि को अमेरिका ला सकता है. वो भी उतने ही साल अमेरिका में रह सकते हैं जितना उनको लाने वाले वीजाधारक की वीजा अवधि है.
>> इस वीजा के बाद स्थायी नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है -इसका सबसे बड़ा अट्रैक्शन है कि इस वीजा के लिए लिए ज्यादा आवश्यकताएं नहीं है केवल बैचलर डिग्री और किसी अमेरिका में काम करने वाली कंपनी से ऑफर लैटर इसके लिए जरूरी है.