नई दिल्ली: रविवार दोपहर से पूरा देश सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की आत्महत्या पर चर्चा कर रहा है. दफ्तरों, कैंटीनों और मोहल्लों से लेकर हर परिवार में इसी पर बात हो रही है कि आखिर सुशांत सिंह राजपूत ने ऐसा क्यों किया. दरअसल, एक अभिनेता की आत्महत्या ने समाज के चेहरे से वो सारे मास्क हटा दिए हैं जिनके पीछे रिश्तों, प्यार और दोस्ती का खोखलापन छिपा होता है.
फिल्म इंडस्ट्री के बारे में कहते हैं कि यहां कोई दोस्त नहीं होता. कई लोगों का कहना है कि सुशांत अकेले पड़ गए थे. सुशांत के बारे में ये बात काफी समय से पता थी कि उन्हें कोई समस्या है, इसके लक्षण भी दिख रहे थे लेकिन इन लक्षणों को देखने और समझने वाला कोई नहीं था. ऐसा लगता है कि सुशांत को जानने वाले, फिल्म इंडस्ट्री के अधिकतर लोग अचानक प्रोफेशनल हो गए. फिल्म इंडस्ट्री के लोग किसी के मरने के बाद तो उसके दोस्त के तौर पर खुद को दिखाते हैं और बड़ी-बड़ी बातें लिखते हैं लेकिन जब वो व्यक्ति जिंदा होता है, मुसीबत में होता है, तो ये सभी लोग प्रोफेशनल हो जाते हैं.
राजनीति की ही तरह फिल्म इंडस्ट्री में भी परिवारवाद हावी है और ये परिवारवाद नई नई प्रतिभाओं को नष्ट कर देता.
इस बीच हमारे पास मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र का एक ऑडियो संदेश आया है. धर्मेंद्र खुद फिल्म इंडस्ट्री में आउट साइडर हैं यानी उनका संबंध किसी फिल्मी परिवार से नहीं रहा है और इसलिए उन्होंने ने भी इस परिवारवाद को करीब से देखा है और इसका नुकसान भी उठाया है. आज आपको धर्मेंद्र का ये ऑडियो संदेश सुनना चाहिए क्योंकि उन्होंने जो बातें कही हैं वो अपने आप में इस परिवारवाद का संपूर्ण विश्लेषण है.