1962 में भारत और चीन का युद्ध हुआ था. इस युद्ध के बाद यानी 70 के दशक के बाद से एलएसी पर तनाव की खबरें आती थी, लेकिन कोई भारतीय सेना का जवान शहीद नहीं हुआ था. आज करीब 45 साल बाद एलएसी पर भारत और चीनी सैनिक के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारतीय सेना के अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए हैं.
गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प
भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद
भारत और चीन के बीच लाईन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव बढ़ गया है. गलवान घाटी पर सोमवार रात को भारतीय सैनिक और चीनी सैनिक के बीच हिंसक झड़प हुई. इस झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए हैं. 70 के दशक के बाद पहली बार एलएसी पर भारतीय जवानों की शहादत हुई है.
1962 में भारत और चीन का युद्ध हुआ था. इस युद्ध के बाद 1975 पर एलएसी पर फायरिंग हुई थी, जिसमें चार भारतीय जवान शहीद हुए थे. इसके बाद से एलएसी पर कोई हिंसक झड़प नहीं हुई थी. आज करीब 45 साल बाद एलएसी पर भारत और चीनी सैनिक के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारतीय सेना के अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए हैं.
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से भारत-चीन सीमा पर विवाद जारी है. चीन लगातार कह रहा है कि वह बातचीत के जरिए मामले को सुलझाना चाहता है, लेकिन वह पीछे हटने से इनकार कर रहा है. भारत ने साफ कर दिया था कि चीन के सिपाहियों को पीछे हटना ही होगा. एलएसी पर बदली परिस्थिति को भारत स्वीकार नहीं करेगा.
बीते दिनों दोनों देशों के बीच तय हुआ था कि चीन की सेना गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, 15 और 17 ए से पीछे हटेगी. चीन सेना श्योक नदी और गलवान नदी के मुहाने तक आ गई थी. धीरे-धीरे पीछे हट भी रही थी, लेकिन पूरी तरह से पीछे नहीं हटी थी. कल निर्णय हुआ था कि चीन की सेना पूरी तरह पीछे जाएगी.
दोनों देशों के आर्मी अफसरों के फैसले के बाद जब चीनी सेना ने पीछे जाने से इनकार किया तो हिंसक झड़प हुई. इस झड़प में हमारे सीनियर अधिकारी और दो जवान शहीद हुए हैं. अभी चीन की ओर से किसी जवान के हताहत होने की खबर नहीं है. चीन सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.