पश्चिम बंगाल में बाढ़ ने कहर मचा रखा है. जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित छह जिलों में अब तक कुल साल लोगों की मौत हो गई है. वहीं ढाई लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं. सीएम ममता बनर्ज ने मंत्रियों को बचाव अभियान पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं.
पश्चिम बंगाल के बाढ़ (West Bengal Flood) प्रभावित छह जिलों में कम से सात लोगों (Seven People Died) की मौत हो गई है और ढाई लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं. राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने मंत्रियों को बचाव अभियान पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है. हुगली जिले में सेना और वायुसेना ने बचाव एवं राहत कार्य में लगी हैं.
अधिकारी ने बताया कि लगभग ढाई लाख लोगों को बचाया गया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. दक्षिण बंगाल के छह जिलों में बड़ी संख्या में घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जहां दामोदर घाटी निगम के बांधों से पानी छोड़ा गया है और पिछले सप्ताह भारी बारिश हुई है.
घाटाल शहर पानी में डूबा
वहीं पूर्व मेदिनीपुर जिले का घाटाल शहर पानी में डूब गया है. यहां जल प्लावन में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. केसपुर में भी पानी में डूबने से एक की मौत हुई है. मरने वालों के नाम दीपक पातर, नारायण दोलुई , रघुनाथ टुडु और अभिराम खामरुयेर हैं. दूसरी ओर हुगली के आरामबाग में बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली गई.
बाढ़ की चपेट में आरामबाग सबडिवीजन
हुगली जिले का आरामबाग सबडिवीजन पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गया है. हजारों लोग बेघर हो गए हैं. जिलाधिकारी डॉ दीपाप प्रिया के नेतृत्व में राहत एवं बचाव का कार्य शुरू कर दिया गया है. प्रशासन के अन्य अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद हैं. गोघाट, पुरसुरा और आरामबाग के बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है.
बांध टूटने से हुगली के खानाकुल में घुसा पानी
वहीं रूपनारायण नदी पर बने बांध के टूटने से हुगली जिले के खानाकुल में पानी घुस गया है. यहां बचाव कार्य में सेना उतरी है. हावड़ा के उदयनारायणपुर के पांच पंचायत इलाके जलमग्न हो चुके हैं. जानकारी के मुताबिक डीवीसी से एक लाख 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे हावड़ा जिले का उदयनारायणपुर डूब गया. आमता-चापाडांगा रोड का अधिकांश हिस्सा भी जलमग्न है. जिले में कुल 19 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां करीब 6500 लोगों ने शरण ले रखी है. डीवीसी से पानी छोड़े जाने से हुगली जिले का जंगीपाड़ा व आरामबाग भी जलमग्न हो गया है.