गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में होम साइंस डिपार्टमेंट की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने पिता की तहरीर पर एचओडी और स्टाफ के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर नए एंगल से जांच शुरू कर दी है.
गोरखपुर: गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में होम साइंस डिपार्टमेंट की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने पिता की तहरीर पर एचओडी और स्टाफ के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर नए एंगल से जांच शुरू कर दी है. छात्र नेताओं और राजनीतिक दलों के हस्तक्षेप और आंदोलन के बाद पुलिस ने इस मामले में यू-टर्न लिया हैं. इधर जिलाधिकारी और एसएसपी से आश्वासन मिलने के बाद छात्रा के परिजनों ने उसके शव का सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया.
पुलिस पोस्टमार्टम के आधार पर आत्महत्या का मामला बता रही
हालांकि पुलिस संदिग्ध परिस्थितियों में हुई लड़की की मौत को आत्महत्या मान रही है. एसएसपी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि छात्रा की मौत फंदे से लटकने के कारण गला कसने से हुई हे. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका के शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले हैं. परिजनों के कहने पर हत्या का केस दर्ज किया गया है. एसएसपी ने यह भी कहा कि कुछ लोग इस प्रकरण में राजनीति कर रहे हैं और अफवाह फैला रहे हैं. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
BSc फाइनल ईयर का एग्जाम देने यूनिवर्सिटी आई थी लड़की
एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि गोरखपुर में शाहपुर थानाक्षेत्र अंतर्गत आने वाले पादरी बाजार के जंगल सालिगराम के रहने वाले विनोद कुमार की तीन बेटियां और एक बेटा है. उनकी सबसे छोटी बेटी प्रियंका कुमारी (20 वर्ष) दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के होम सांइस डिपार्टमेंट में बीएससी अंतिम वर्ष की छात्रा थी. बीती 31 जुलाई को प्रियंका सुबह 9 बजे से 10:30 बजे तक आयोजित वार्षिक परीक्षा देने के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस आई थी. उसे उसके भाई मनीष ने बाइक से लाकर छोड़ा था.
31 जुलाई को होम साइंस डिपार्टमेंट के स्टोर रूम में मिली लाश
शनिवार दोपहर 1 बजे के करीब प्रियंका की लाश होम साइंस डिपार्टमेंट के स्टोर रूम में ट्यूबलाइट के स्टैंड से काले रंग के दुपट्टे से लटकती मिली थी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. परिजनों ने मंगलवार सुबह शव का दाह संस्कार कर दिया है. पुलिस और प्रशासन ने हर कदम पर सहयोग किया है. शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ हुआ है. फिर भी पोस्टमार्टम वीडियो के परीक्षण के लिए 5 विशेषज्ञों की टीम गठित कर जांच की जा रही है.
एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने की अफवाह नहीं फैलाने की अपील
एसएसपी ने बताया कि केस का इंवेस्टिगेशन सीओ चौरीचौरा जगत कन्नौजिया कर रहे हैं. पोस्टमार्टम में लड़की की मृत्यु की वजह ‘एंटी मार्टम हैंगिंग’ आया है. यानी फंदे से गला कसने की वजह से उसकी मौत हुई है. एसएसपी ने लोगों से अनुरोध किया कि इस मामले में किसी भी तरह की अफवाह न फैलाई जाए. मृत छात्रा के परिवारवालों को विश्वास में लेकर विधिक कार्रवाई की जा रही है. गोरखपुर सदर विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल रविवार को मृतका के घर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया.
विधायक डॉ. राधामोहन दास इसे आत्महत्या की तरह नहीं देख रहे
उन्होंने परिजनों से निष्पक्ष जांच कर न्याय दिलाने की बात कही थी. राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि पुलिस ने तहरीर नहीं मिलने की वजह से मामला दर्ज नहीं करने की बात कही है. परिजनों को समझाया था कि लिखित तहरीर देने पर ही मामला दर्ज होता है. मैंने कहा था कि आत्महत्या के पहले और बाद में फंदा बांधने का अंतर दिखाई दे रहा है. आपको तहरीर देनी होगी. जब कोई लाश देखने गया, तो बच्ची लटकी थी और पैर जमीन पर छू रहा था. कोई बच्ची आत्महत्या करेगी तो उसका पैर जमीन पर नहीं छुएगा. सिर के पीछे चोट भी आत्महत्या में नहीं लगेगी.