मछली पालन (Fisheries) के नाम पर प्रदेश भर के किसानों को डबल कमाई का झांसा देकर ठगने के मामले में सबसे पहले भोपाल क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की थी.
भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अन्नदाता के साथ सबसे बड़ी ठगी (Cheating) का खुलासा हुआ है. अभी तक जो ठगी कुछ किसानों के साथ हुई थी उसका आंकड़ा बढ़कर 3000 से ज्यादा पहुंच गया है. जांच अभी चल रही है. आगे ठगी के किसानों (Farmers) की संख्या और अधिक बढ़ने की पूरी संभावना है. मछली पालन (Fisheries) के नाम पर किसानों के साथ करोड़ों को धोखाधड़ी की गई है. पुलिस आरोपियों के दफ्तर से जप्त दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की पड़ताल कर रही है. अभी तक की पड़ताल में 3000 से ज्यादा किसानों के साथ ठगी होने का सुराग मिला है. इन किसानों के साथ मछली पालन के नाम पर ठगी की गई.
मछली पालन के नाम पर प्रदेश भर के किसानों को डबल कमाई का झांसा देकर ठगने के मामले में सबसे पहले भोपाल क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद एक एफआईआर कोहेफिजा थाना पुलिस ने दर्ज की. पुलिस को मानसरोवर स्थित फर्जी फिशरीज कंपनी के ऑफिस से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. इन दस्तावेजों में प्रदेशभर के 3 हजार से ज्यादा किसानों के साथ ठगी के सबूत मिले हैं. अभी जप्त की गई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को खंगाला जा रहा है. ऐसे में ठगी के शिकार हुए किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी. कंपनी के डायरेक्टर देवेंद्र जायसवाल से पूछताछ चल रही है. आरोपी मछली पालन से डबल कमाई का किसानों को लालच देते थे.
पहले 86 किसानों से ठगी का चला था पता
सबसे पहली एफआईआर भोपाल क्राइम ब्रांच ने दर्ज की थी. एएसपी क्राइम ब्रांच गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि किसान कपिल दुबे समेत 9 लोगों ने शिकायत की थी. उन्होंने बताया था कि हरियाणा के गुरुग्राम की फिश फॉर्च्यून प्रोड्यूस कंपनी ने उनसे पांच लाख रुपये मछली पालन और 50 हजार रुपये खेत में तालाब बनाने के लिए थे. कंपनी ने इस रकम को पहली स्कीम में 15 महीने में किश्तों के जरिए किसानों को मुनाफा के साथ लौटाने का वादा किया था. दूसरी स्कीम के तहत 20 महीने में साढ़े पांच लाख रुपये की रकम दोगुनी करने का वादा किया गया था. इसके एवज में उन्हें पांच लाख रुपए का चेक भी दिया था. कंपनी ने किसानों से लिया पैसा किश्तों में नहीं लौटाया और चेक को भी ब्लॉक करा दिया.
पूरे प्रदेश भर में फैला है जाल
वहीं, क्राइम ब्रांच ने कंपनी के संचालक विनय कश्यप मध्यप्रदेश के प्रमोटर में महेंद्र ठाकुर, प्रहलाद शर्मा, मनोज कटारे पर केस दर्ज किया है. तीनों मप्र के प्रमोटर हैं, जो हलालपुर बस स्टैंड के पास स्थित सिटी वॉक मॉल दफ्तर में बैठते थे. जांच में मछली पालन के नाम पर 86 किसानों से करीब पांच करोड़ की ठगी का खुलासा किया गया था. यह आंकड़ा सिर्फ भोपाल का था. इसके अलावा कंपनी का जाल पूरे प्रदेश भर में फैला हुआ है.