नैनीताल, जागरण संवाददाता : कोविड काल मे उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों को खोलने के सरकार के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हो चुकी है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के बाद अगली सुनवाई बुधवार के लिए नियत कर दी। साथ ही याचिकाकर्ता को याचिका में संशोधन की छूट प्रदान की।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हरिद्वार के विजय पाल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया कि सरकार ने आधी अधूरी तैयारी व बिना प्लानिंग के कोविड काल में स्कूल खोल दिये। याचिका में कहा गया विशेषज्ञों ने कोविड की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की संभावना जताई है।
स्कूलों को लेकर तमाम अभिभावक आशंकित हैं। याचिका में कहा गया है कि राज्य में वयस्कों के लिए ही स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का और भी बुरा हाल है। सरकार के स्कूल खोलने के निर्णय से बच्चों का जीवन खतरे में पड़ जायेगा। पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद कमी है। यदि बच्चे संक्रमित हो गए तो स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के साथ अभिभावकों की कमजोर माली हालत से स्थितियां बिगड़ेंगी, लिहाजा सरकार के निर्णय पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाय।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याचिका में सरकार की ओर से स्कूल खोलने को लेकर जारी एसओपी को चुनौती नहीं दी गई है। याचिका 29 जुलाई को दाखिल की जबकि सरकार द्वारा 31 जुलाई को एसओपी जारी की। जिसके बाद कोर्ट ने याचिका में संशोधन की अनुमति देते हुए अगली सुनवाई बुधवार के लिए नियत कर दी।