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RBI के लिए भी सिरदर्द बन चुकी है बेकाबू महंगाई, अब आम जनता को इससे कैसे निजात दिला पाएंगे गवर्नर शक्तिकांत दास

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आर्थिक सुस्ती के बीच बढ़ती महंगाई दर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सामने एक बड़ी चुनौती है. ब्लूमबर्ग इकोनॉमिस्ट सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 की दूसरी छमाही में रिटेल और होलसेल इंफ्लेशन यानी खुदरा और थोक महंगाई दर में तेजी देखने को मिलेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में होलसेस प्राइस इंडेक्स 10.71 फीसदी रह सकता है. पहले यह अनुमान 10.12 फीसदी का लगाया गया था. इकोनॉमिस्ट ने कंज्यूमर इंफ्लेशन (खुदरा महंगाई) के अनुमान को भी बढ़ाकर सितंबर तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए 5.7 फीसदी और अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए 5.2 फीसदी कर दिया है.

इसके अलावा चालू वित्त वर्ष (2021-22) के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 9 फीसदी से बढ़ाकर 9.2 फीसदी कर दिया गया है, जबकि ग्रॉस वैल्यु एडेड यानी GVA को घटाकर 9 फीसदी कर दिया गया है. Coface के एशिया पैसिफिक प्रमुख बर्नार्ड ओ (Bernard Aw) ने कहा कि रिटेल इंफ्लेशन रिजर्व बैंक के 4 फीसदी के दायरे के बाहर ही रहेगा. उन्होंने कहा कि जनवरी-मार्च तिमाही 2022 से पहले इसमें तेजी जारी रहेगी और यह इस दौरान यह RBI के 6 फीसदी के अपर सर्किट के ऊपर रह सकता है.

RBI ने कहा बढ़ती महंगाई तात्कालिक समस्या

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछली मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए कहा था कि देश में इस समय महंगाई दर में उछाल सप्लाई साइड के प्रॉब्लम के कारण है. रिजर्व बैंक का मुख्य फोकस इस समय आर्थिक सुधार पर है ना कि बढ़ती महंगाई दरों पर. उसका मानना है कि महंगाई दर तात्कालिक समस्या है जो वक्त के साथ खुद-ब-खुद सही हो जाएगी.

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खुदरा महंगाई दर 5.1 फीसदी रहने का अनुमान

जून में RBI MPC की बैठक के बाद चालू वित्त वर्ष के लिए रिटेल महंगाई दर 5.1% रखा गया है. जून तिमाही के लिए खुदरा महंगाई दर 5.2 फीसदी, सितंबर तिमाही में 5.4 फीसदी, दिसंबर तिमाही में 4.7 फीसदी और मार्च तिमाही में 5.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. रिजर्व बैंक ने रिटेल इंफ्लेशन का लक्ष्य 4 फीसदी रखा है. हालांकि +/-2 पर्सेंट का विंडो यानी अपर लिमिट 6 पर्सेंट और लोअर लिमिट 2 पर्सेंट रखा गया है.

मई और जून में रिटेल इंफ्लेशन 6 फीसदी के पार

जून के महीने में भारत की खुदरा महंगाई दर घटकर 6.26 फीसदी रही. मई के मुकाबले इसमें थोड़ी राहत आई है. मई में खुदरा महंगाई दर 6.30 फीसदी रही थी. उससे पहले लगातार पांच महीनों तक (दिसंबर-अप्रैल) खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी के दायरे के भीतर रहा था. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मार्च 20206 तक के लिए रिटेल इंफ्लेशन का टार्गेट 4 फीसदी (+/-2%) के साथ मेंटेन करने का लक्ष्य रखा है.

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