पंजाब मॉडल पर उत्तराखंड में पहली बार कांग्रेस ने चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए थे, जिन्हें अब ज़िलेवार ज़िम्मेदारियां सौंप दी गई हैं. अगले साल के शुरू में होने वाले चुनाव के लिए वक्त कम बचा है इसलिए तेज़ी से काम करने के निर्देश हैं.
देहरादून. उत्तराखंड कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही नया जोश नज़र आने लगा है. पहले दिन नए अध्यक्ष गणेश गोदियाल की टीम ने कमेटी के अध्यक्षों के साथ मीटिंग की. वहीं अलग-अलग कोऑर्डिनेटरों के साथ भी बैठक हुई. मीटिंग में तय हुआ कि सभी कमेटियां अगले एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी और उसी रिपोर्ट के आधार पर कोर कमेटी की मीटिंग में 2022 की चुनावी रणनीति फाइनल की जाएगी. दूसरी तरफ, उत्तराखंड कांग्रेस के नए ढांचे के तहत बनाए गए चार कार्यकारी अध्यक्षों को उनके काम भी सौंपे गए.
उत्तराखंड कांग्रेस की कोर कमेटी की मीटिंग 3 और 4 अगस्त को होनी है. इस मीटिंग में प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, दोनों सह प्रभारी, चारों कार्यकारी अध्यक्ष और कोर कमेटी के अहम सदस्य शामिल होंगे. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि पार्टी माइक्रो मैनेजमेंट के साथ बूथ लेवल तक काम करेगी और इसके लिए हर कांग्रेस नेता की ज़िम्मेदारी तय की जाएगी.
विधानसभा चुनाव 2022 के लिए उत्तराखंड कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.
रीजन अनुसार ज़िम्मेदारियां बांटी गईं
प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने चारों कार्यकारी अध्यक्षों को काम सौंप दिए. रंजीत रावत को गढ़वाल के ज़िलों में पहाड़ी क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है तो जीतराम कुमाऊं मंडल में पार्टी की गतिविधियां देखेंगे. मैदानी ज़िलों में यह काम तिलकराज बेहड़ को सौंपा गया है और युवा कार्यकारी अध्यक्ष भुवन कापड़ी को संगठन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है.
उत्तराखंड में पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं. प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल का कहना है कि वक्त कम है और काम ज्यादा, ऐसे में कार्यकारी अध्यक्ष काम को आसान बनाएंगे और पार्टी हर क्षेत्र में मज़बूती के साथ पकड़ बनाएगी. वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि संगठन अच्छा काम करेगा, जिसके नतीजे 2022 में पार्टी को सत्ता दिलाएंगे.