Negative Feelings : कई बार हम किसी छोटी सी बात पर बहुत अधिक गुस्सा हो जाते हैं और कई बार बिना किसी वजह के भी अंदर ही अंदर बेचैनी जैसा महसूस करते हैं. भारतीय आयुर्वेद की मानें तो इसकी बड़ी वजह हमारे खान पान की आदत होती है. आयुर्वेद (Ayurveda) में यह माना गया है कि अगर आप सात्विक भोजन का सेवन करें तो आप सकारात्मक उर्जा से खुद को भरा हुआ महसूस करेंगे जबकि तामसिक भोजन आपके अंदर क्रोध, हिंसा जैसी भावनाओं को बढ़ावा देता है. अगर सामान्य भाषा में कहें तो आयुर्वेद के मुताबिक, शाकाहारी (Vegetarian) भोजन हमारी भावनाओं (Feelings) को नियंत्रित करने में समर्थ होते हैं. तो आइए जाते हैं कि अगर आप शाकाहारी हैं तो यह आपके इमोशन को किस हद तक प्रभावित करने में सक्षम है.
1.बढ़ाता है सेल्फ कंट्रोल
जब आप शाकाहारी भोजन का ही सेवन करते हैं तो यह आपके अंदर सेल्फ कंट्रोल यानी खुद पर नियंत्रण को बढ़ावा देता है. आयुर्वेद के अनुसार हम सभी में एक ऊर्जा मौजूद है जो शाकाहार होने पर सकारात्मक और मांसाहार होने पर नकारात्मकता की ओर ले जाती है.
2.मेहनती और सक्रिय रहने में मिलती है मदद
दरअसल शाकाहारी भोजन में वसा कम पाया जाता है जबकि मांसाहार भोजन में तेल और वसा की अधिकता होती है. इसकी वजह से शरीर में वसा जमा जमने लगते है और वजन भी बढ़ जाता है. जिसकी वजह से हमारी सक्रियता कम होती जाती है और हमारा शरीर ज्यादा क्रियाशील नहीं रह पाता.
3.शांति और एकाग्रता
शाकाहारी भोजन सात्विक माना जाता है जो मन में शांति, एकाग्रता,प्यार को बढावा देता है. इनके सेवन से मन में आशावादिता रहती है और अवसाद दूर होता है. आयुर्वेद के अनुसार जिन लोगों को अधिक क्रोध आता है उन्हे शाकाहार को अपनाना चाहिए. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित