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झारखंड: रांची में अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या, विरोध में सड़कों पर उतरे वकील

Ranchi: झारखंड में अपराधी एक बार फिर से बेलगाम होने लगा है. राजधानी रांची में सोमवार को अपराधियों ने वरिष्ठ अधिवक्ता (Advocate Protection Act) की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस मामले में अपराधियों का सुराग नहीं लगा सकी है. वहीं, हत्याकांड को लेकर राज्य के वकीलों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. अधिवक्ता की हत्या के विरोध में मंगलवार को राजधानी के वकील सड़कों पर उतरे.

रांची के तमाड़ थाना क्षेत्र में अज्ञात अपराधियों ने सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज झा की गोली मारकर हत्या कर दी. अधिवक्ता मनोज झा तमाड़ में एक निर्माणाधीन कालेज परिसर में बाउंडरी खड़ा कराने का काम करवा रहे थे. उसी दौरान बाइक सवार पांच अपराधकर्मी वहां पहुंचे और कार में बैठे वरिष्ठ अधिवक्ता के सीने में चार गोली दागकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया और मौके से निकल भागे. 

घटना के 24 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस अपराधियों का सुराग नहीं तलाश सकी है. जिससे घटना को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश है. मंगलवार को अधिवक्ताओं ने हत्या में शामिल अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग को लेकर रांची जिला बार एसोसिएशन से मौन जुलूस निकाला, और सिविल कोर्ट में 1 दिन का काम स्थगित रखा.

इससे पहले रांची सिविल कोर्ट के बार भवन में अधिवक्ताओं ने दिवंगत अधिवक्ता मनोज झा की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा. इस दौरान घटना की कड़ी निंदा करते हुए मनोज झा के आश्रितों को समुचित मुआवजा देने की मांग की गयी. इसके अलावा वकीलों की सुरक्षा के लिए अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग भी दोहरायी गयी.

स्टेट बार काउंसिल के प्रवक्ता संजय विद्रोही के मुताबिक, अधिवक्ता की निर्मम हत्या के बाद राज्य भर के वकीलों में गुस्सा है. तो वहीं स्टेट बार काउंसिल के प्रशासनिक सचिव पवन रंजन खत्री ने सभी वकीलों से अपील करते हुए कहा की आपराधिक घटना में संलिप्त होने वाले अपराधियों का कोई अधिवक्ता केस ना लें. वहीं झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने कहा की वकीलों के खिलाफ बढ़ रहे आपराधिक वारदातों को देखते हुए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना चाहिए.

जानकारी के मुताबिक, अधिवक्ता मनोज झा की हत्या को लेकर झारखंड हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है और मामले की जांच की निगरानी हाईकोर्ट के जज से कराने की मांग की है.

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