अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन बीते मंगलवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंच थे. इस दौरे में अफगानिस्तान में सुरक्षा हालात, हिंद-प्रशांत में संपर्कों को बढ़ावा देना और कोरोना महामारी की चुनौतियों से निपटने समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी है. ब्लिंकन ने बुधवार को कहा कि भारत और अमेरिका लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्धता को साझा करते हैं. उन्होंने कहा कि यह द्विपक्षीय संबंधों के आधार का हिस्सा है.
एंटनी ब्लिंकन ने नागरिक संस्थाओं के नेताओं के एक समूह से मुलाकात करने और भारतीय नेतृत्व के साथ बैठकों से पहले ये बयान जारी किया. ब्लिंकन ने ट्वीट किया, “नागरिक संस्थाओं के नेताओं से आज मुलाकात करने की प्रसन्नता है. भारत और अमेरिका लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्धता साझा करते हैं, यह हमारे संबंधों के आधार का हिस्सा है और भारत के बहुलवादी समाज और सद्भाव के इतिहास को दर्शाता है. नागरिक संस्थाएं इन मूल्यों को आगे बढ़ाने में मदद करती हैं.”
मानवाधिकारों और लोकतंत्र के मुद्दों पर हुई चर्चा
उनकी यात्रा से पहले भारतीय पक्ष ने संकेत दिया था कि वह मानवाधिकारों और लोकतंत्र के मुद्दों पर अमेरिका के साथ बातचीत के लिए तैयार है. अमेरिका के दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के कार्यकारी सहायक मंत्री डीन थॉम्पसन ने शुक्रवार को कहा था कि ब्लिंकन अपनी यात्रा के दौरान भारतीय अधिकारियों के समक्ष मानवाधिकारों एवं लोकतंत्र के मुद्दे उठाएंगे.
थॉम्पसन ने कहा था, “मानवाधिकारों के संबंध में हम निश्चित तौर पर ये मुद्दे उठाएंगे और इस बातचीत को जारी रखेंगे क्योंकि हमारा दृढ़ता से मानना है कि इन मोर्चों पर हमारे मूल्य अन्य की तुलना में ज्यादा हैं.” उन्होंने कहा था, “हमारा मानना है कि इन बातचीतों को जारी रखने में और साझेदारी में उन मोर्चों पर मजबूत प्रयास करने की दिशा में भारत असल में बहुत जरूरी हिस्सा है.”
हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को लेकर चर्चा
ब्लिंकन के भारत से शाम 5:30 बजे रवाना होने का कार्यक्रम है. अमेरिकी विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद ब्लिंकन की यह पहली और जनवरी में बाइडन प्रशासन के सत्ता में आने के बाद उसके किसी उच्चस्तरीय अधिकारी की तीसरी भारत यात्रा है. उनसे पहले मार्च में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन तथा अप्रैल में जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जॉन केरी ने भारत की यात्रा की थी. अमेरिकी विदेश मंत्री की भारत यात्रा के एजेंडे की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और अफगानिस्तान में तेजी से बदल रही सुरक्षा स्थिति पर विमर्श और क्वाड तंत्र के तहत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को विस्तारित करने जैसे विषयों पर गहन चर्चा होगी.