बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) में रामगंगा नदी (Ramganga River) के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए 300 गांव में बाढ़ (Flood) का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि बरेली में अभी तक बरसात ज्यादा नहीं हुई है लेकिन पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से रामगंगा का जल स्तर बढ़ रहा है. पहाड़ों पर बने डैम से रुक-रुक कर पानी छोड़ा जा रहा है.
बरेली में सदर, मीरगंज, आंवला, नबाबगंज, फरीदपुर तहसील के रामगंगा किनारे बसे 300 गांव ऐसे हैं, जिन पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. डीएम नीतीश कुमार का कहना है कि 48 बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं. इसके अलावा रामगंगा पर बढ़ने वाले जलस्तर पर भी नजर रखी जा रही है. सभी संबंधित विभागों को अलर्ट कर दिया गया है.
डीएम नीतीश कुमार का कहना है कि अभी रामगंगा में भी जलस्तर ज्यादा नहीं बढ़ा है लेकिन अगर पानी ज्यादा बढ़ता है तो हमारी तैयारी पूरी है. वैसे बाढ़ खंड नियंत्रण कक्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो 1 जून से अब तक 410 .6 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है.
गौरतलब है कि बरेली जिले में 2010 और 2012 में रामगंगा में बढ़े जलस्तर ने तब जमकर तबाही मचाई थी. फरीदपुर, आंवला और मीरगंज तहसील के कई गांवों में स्थिति काफी भयावाह हो गई थी. शहर में भी रामगंगा का पानी घुस गया था. वर्तमान हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित 300 गांवों में 48 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है.
बरेली जिला प्रशासन की मानें तो जिले के सदर तहसील के 73 संवेदनशील और 13 अतिसंवेदनशील, बहेड़ी तहसील के 76 संवेदनशील और 14 अतिसंवेदनशील, आंवला तहसील के आठ संवेदनशील, नवाबगंज तहसील के 46 संवेदनशील और 16 अतिसंवेदनशील, फरीदपुर तहसील के 54 संवेदनशील और 27 अतिसंवेदनशील और मीरगंज तहसील के 115 संवेदनशील और 22 अतिसंवेदनशील स्थान पहले से ही चिन्हित हैं.