फर्जी आईएएस देबांजन देब (Fake IAS Debanjan Deb), फर्जी कोरोना वैक्सीन कैंप (Fake Vaccination camp) और फर्जी सीबीआई अधिकारी (Fake CBI Officer) की गिरफ्तारी के बाद अब कोलकाता पुलिस ने एक फर्जी IPS अधिकारी को गिरफ्तार किया है.
फर्जी आईएएस देबांजन देब (Fake IAS Debanjan Deb), फर्जी कोरोना वैक्सीन कैंप (Fake Vaccination camp) और फर्जी सीबीआई अधिकारी (Fake CBI Officer) की गिरफ्तारी के बाद अब कोलकाता पुलिस ने एक फर्जी आईपीएस (IPS) अधिकारी को गिरफ्तार किया है. फर्जी आईपीएस अधिकारी नीली बत्ती लगी गाड़ी में घूमता था. पुलिस ने उसके ड्राइवर और गार्ड भी गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है कि आरोपी क्यों आईपीएस अधिकारी बनकर घूमता था ?
बता दें कि पश्चिम बंगाल में लगातार फर्जीवाड़ा की घटना सामने आ रही है. सोमवार को सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की राज्य मंत्री सबीना यास्मीन (Sabina Yasmin) के लेटर पैड का इस्तेमाल फर्जी नौकरी के आवेदन करने का मामला सामने आया था इस बाबत मंत्री ने खुद मालदा थाना में शिकायत दर्ज की थी.
नीली बत्ती लगी गाड़ी में घूमता था आरोपी, खुद को बताता था आईपीएस अधिकारी
गिरफ्तार फर्जी आईपीएस का नाम राजर्षि भट्टाचार्य है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि फर्जी आईपीएस नीली बत्ती वाली कार लेकर घूमता था. राजर्षि की कार के ड्राइवर और सुरक्षा गार्ड को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. राजर्षि भट्टाचार्य उर्फ बाबई खुद को एक आईपीएस अधिकारी बताता था. वह अपने रिश्तेदारों और नजदीकियों को कहा करता था कि वह एक स्पेशल टास्क पर है. राजर्षि के सुरक्षा गार्ड को देखकर ऐसा लगता है कि वह पुलिस का सुरक्षा गार्ड है. कोलकाता पुलिस के ज्वाइंट सीपी (क्राइम) मुरलीधर शर्मा ने फर्जी आईपीएस की गिरफ्तारी को लेकर ट्वीट किया है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उसे कहां से गिरफ्तार किया गया था ?
फर्जी आईएएस देबांजन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बढ़ायी है निगरानी
पुलिस इस बात की जांच की कर रही है कि कहीं उस पर धोखाधड़ी का आरोप तो नहीं है. पुलिस इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या राजर्षि ने फर्जी पहचान से नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम ली थी. यह फर्जी पहचान देने की वजह क्या है ? आखिर उसका मकसद क्या था ? बता दें कि फर्जी आईएएस देबांजन देब की गिरफ्तारी के बाद कोलकाता में गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हुआ है. देबांजन का मामला सामने आने के बाद से परिवहन विभाग ने नीली बत्ती वाले वाहनों के उपयोग के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. उसके बाद से पुलिस लगातार नीली बत्ती लगी गाड़ियों पर नजर रख रही है.