प्राकतिक आपदा के बाद पीएम मोदी ने दुख जताते हुए घायलों के स्वस्थ होने की कामना की है. वहीं मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान भी हुआ है. किन्नौर में ये हादसा रविवार दोपहर डेढ़ बजे करीब हुआ. इससे पहले डॉक्टर दीपा शर्मा शिमला में थीं.
शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किन्नौर में हुए लैंडस्लाइड में ( Kinnaur landslide) में कुल नौ लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. इस हादसे में मरने वालों में एक जयपुर (Jaipur) निवासी आयुर्वेद की डॉक्टर दीपा शर्मा (Dr Deepa Sharma) भी थीं. दीपा पहली बार अकेले किसी सफर पर निकली थीं. वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थीं. किसी ने सोंचा भी न था कि कुदरत की जिस खूबसूरती के बारे में वो सोशल मीडिया पर परिवार और दोस्तों को बता रहीं थीं वो उनकी जिंदगी का आखिरी पोस्ट होगा.
भाई ने साझा की जानकारी
डॉक्टर दीपा के भाई महेश कुमार शर्मा ने उनकी मौत और प्रकृति के प्रति उनके प्रेम के बारे में ट्वीट करते हुए दुखद जानकारी साझा की. उन्होंने लिखा, ‘मेरी बहन दीपा शर्मा 29 जुलाई को अपने आने वाले 38वें जन्मदिन पर स्पीति दौरे पर गई थी. वो इस ट्रिप के लिए बेहद खुश और उत्साहित थी. इस सफर के लिए उसने नया प्रोफेशनल कैमरा और स्मार्टफोन भी खरीदा था. उसे प्रकृति से बहुत प्यार था लेकिन अब वो प्रकति की गोद में जा चुकी है. भगवान उसकी आत्मा को शांति दे.’
ये था आखिरी पोस्ट
कल रविवार को किन्नौर में जब लैंडस्लाइड हुआ उससे कुछ वक्त पहले दीपा ने ट्विटर पर अपनी फोटो साझा की थी. पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि वो इस वक्त भारत के आखिरी प्वाइंट पर खड़ी हैं, जहां सिविलयन को जाने की इजाजत है. इसके आगे तिब्बत है जिस पर चीन ने कब्जा किया है. उनके चेहरे पर इस टूर की खुशी साफ दिख रही थी. वहीं उनके अचानक हुए निधन से सोशल मीडिया पर उनके दोस्त और फैंस भी दुखी हैं.
प्राकतिक आपदा में खत्म हो गया सबकुछ
बीते रविवार यानी कल दोपहर अचानक सांगला-छितकुल रोड पर पहाड़ पर से पत्थर गिरने लगे जिन्होंने नीचे आते-आते तबाही मचा दी. इसके रास्ते में जो भी पड़ा वो तहस-नहस हो गया. हादसे में एक पुल, उस पर खड़ी गाड़ियां कबाड़ के ढ़ेर में बदल गईं.