विकास परियोजनाओं में लापरवाही करनेवालों को बख्शा नहीं जायेगा. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी. उचित उपयोग करने पर राशि की उपयोगिता हजार करोड़ के बराबर हो सकती है. शहर के सर्वांगीण विकास में सरकार के साथ-साथ आम जनता की सहभागिता जरूरी है. सरकार की विकास योजनाएं अनवरत चलती रहती हैं. लेकिन इनका लाभ लेने के लिए लोगों को जागरूक होना होगा.
यह बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहीं. वह राजधानी रांची के लिए बनायी गयी 84 करोड़ रुपये लागत की 45 योजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने योजनाओं की राशि का सदुपयोग करने की हिदायत दी.
- पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर नहीं, बल्कि संतुलन बनाकर विकास होना चाहिए
- पर्यावरण से छेड़छाड़ का ही नतीजा है कि रांची का वातावरण वैसा नहीं रहा, जैसा 25-30 साल पहले हुआ करता था
- घर बनाते समय स्वेच्छापूर्वक कुछ जमीन छोड़ें लोग, तो अधिकार के साथ सरकार से सड़क निर्माण करा सकते हैं
शहर को हरा-भरा बनायेगी सरकार : सीएम ने कहा कि राज्य सरकार शहर के अंदर खाली भूमि पर पौधरोपण कर शहर को हरा-भरा बनाने का प्रयास कर रही है. लेकिन, केवल सरकार का प्रयास ही काफी नहीं है. आम जनता को भी अपने वार्ड और गली-मोहल्लों में पौधरोपण कर स्वच्छ वातावरण व सुंदर शहर की परिकल्पना पूरी करने में मदद करनी होगी.
उन्होंने कहा कि सरकारी या निजी कार्यक्रमों में उपहार स्वरूप बुके देने की परिपाटी समाप्त कर पौधा देने की परिपाटी की शुरुआत की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि विकास पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर नहीं, बल्कि पर्यावरण के साथ संतुलन बनाकर करना चाहिए. बेमौसम बारिश, बाढ़, तूफान और महामारी पर्यावरण से छेड़छाड़ या दोहन के ही उदाहरण हैं. आज से 25-30 साल पहले की रांची और वर्तमान रांची के वातावरण में काफी अंतर आ गया है.