शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Gram Panchayats, कोरोना के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रुके विकास कार्यों को ग्रामसभा की बैठकें रफ्तार देंगी। हिमाचल प्रदेश की 3615 पंचायतों में 25 जुलाई से ग्रामसभा की बैठकें रखी गई हैं। इनमें 389 नई पंचायतें भी शामिल हैं। इनमें भी कोरोना के कारण पहली बार बैठक होने जा रही है। बैठकें 25, 26 व 27 जुलाई को रखी गई हैं। जनवरी 2021 में पंचायत चुनाव के बाद फरवरी में भी कुछ पंचायतों में बैठकें रखी गई थी, लेकिन कोरम के अभाव में कोई विशेष कार्य नहीं हो सके थे। 2020 में कोरोना के कारण ग्रामसभा की बैठकें नहीं हो सकी थी। इस वर्ष निर्धारित दिशा-निर्देश के तहत 25 जुलाई से इनका आयोजन किया जा रहा है। जिलास्तर पर ग्रामसभा की बैठकों को निर्धारित किया गया है।
ग्रामसभाओं के लिए जो एजेंडा निर्धारित किया गया है उसमें आय-व्यय का लेखा जोखा और कोरोना काल में हुए विकास कार्यों पर चर्चा होगी। पंचायतों के प्रधान स्थानीय व पंचायतों की आवश्यकता को देखते हुए बीपीएल, आगामी विकास कार्य, पेंशन योजना और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को लेकर चर्चा कर सकते हैं।
लाहुल और पांगी में भी होंगी बैठकें
लाहुल और पांगी जहां पर पंचायत चुनाव नहीं हो सके हैं और उन पंचायतों में स्थानीय राजकीय वरिष्ठ व उच्च पाठशालाओं के मुख्याध्यापकों व प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। वहां भी ग्रामसभा की बैठकें होंगी। बैठकों की तिथियां वहांं के प्रशासन और समितियों के आधार पर हो सकेंगी। इसके अलावा पंचायतों में मनरेगा के तहत चल रहे विकास कार्यों पर भी चर्चा होगी।
क्या कहते हैं अतिरिक्त निदेशक
पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त निदेशक केवल शर्मा ने कहा कोरोना के कारण ग्रामसभा की बैठकों पर रोक लगाई गई थी। रोक को हटाने के बाद बैठक 25 जुलाई से हो रही हैं। इसके लिए तिथियां निर्धारित की गई हैं।
एक साल पांच काम पर कार्य करेंगी पंचायतें : कंवर
शिमला। प्रदेश की सभी पंचायतों में नई शेल्फ बनाने के साथ अब एक साल पांच बड़े काम पर कार्य होगा। इसके लिए निर्देश जारी किए गए हैं। बड़े कार्यों से विकास नजर भी आएगा और लोगों को फायदा होगा। यह बात ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने शिमला में शुक्रवार को पत्रकारों स बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि इन पांच बड़े कार्यों में वर्षा जल संचय के काम जैसे तालाब बनाना या अन्य काम प्रमुखता से किए जाएंगे, जिससे सूखे की स्थिति पंचायतों में पैदा न हो। कांग्रेस द्वारा राजभवन के बाहर किए गए प्रदर्शन को लेकर कहा कि कांग्रेस विपक्ष की भूमिका केंद्र व राज्य में नहीं ढूंढ सकी है। बेकार के मुद्दों को उठा रही है और जनता तक मुद्दों को ले जाने में विफल रही है। केंद्र या प्रदेश में किसी भी मंत्री पर कोई भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है जो पारदर्शिता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं को छोडऩे पर पशुपालन विभाग जुर्माना लगाएगा। इस संबंध में निदेश जारी कर दिए हैं।