Heavy Rain in Himachal: 12 जुलाई के बाद 19 जुलाई से शुरू हुए बारिश के सिलसिले से लोग अब डर के साये में जी रहे हैं. लगातार बारिश से बीते सात दिन में कई लोगों की मौत हो गई, जबकि मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.
शिमला. हिमाचल प्रदेश में मानसून (Monsoon) की सक्रियता के चलते लगातार छठे दिन भी बारिश का दौर जारी रहा. मंडी के बलद्वाडा में सड़कों पर पानी आ गया. कुल्लू के बंजार के जीभी में होटलों में पानी और मलबा घुस गया. बारिश से हुए भूस्खलन (Landslide) के चलते औट-बंजार-सैंज हाईवे-305 करीब पांच घंटे तक बंद रहा और दोनों तरफ वाहनों की कतार लगी रही. ब्यास सहित नदी-नालों का जलस्तर उफान पर है. शुक्रवार को भी बादल छाए हुए हैं.
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 25 और 26 जुलाई को प्रदेश में भारी बारिश की संभावना जताई है. 25 जुलाई तक प्रदेश में येलो और 26 जुलाई को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. 28 जुलाई तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब बने रहने का पूर्वानुमान है. ऐसे में लोगों में दहशत का माहौल है. इससे पहले, मंडी, शिमला, बिसालपुर सहित दूसरे जिलों में गुरुवार को दोपहर बाद बारिश हुई. शिमला शहर में 23 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. बिलासपुर जिले के कई हिस्सों में दोपहर बाद आधा घंटा बारिश हुई. चंबा जिले में डलहौजी में 3 मार्ग बाधित रहे. भूस्खलन से कुल्लू जिले में छह सड़कें बंद रहीं. कांगड़ा जिले में शाम को धर्मशाला, बैजनाथ, पालमपुर, डरोह, ज्वालामुखी और पंचरुखी में तेज बारिश हुई. सूबे में धान और मक्की के लिए बारिश लाभदायक है. गुरुवार को सबसे अधिक बारिश कुफरी में 55 मिलीमीटर हुई और अधिकतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम रहा.
हिमाचल में मौसम का हाल.
दो स्पेल में डरा गया मानसून
12 जुलाई के बाद 19 जुलाई से शुरू हुए बारिश के सिलसिले से लोग अब डर के साये में जी रहे हैं. लगातार बारिश से बीते सात दिन में करीब लोगों ने अपनी जान गंवाई है. कई घर जमींदोज हुए हैं. कांगड़ा में सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. वहीं, दूसरे इलाकों में लोकनिर्माण विभाग को काफी नुकसान हुआ है. सड़कों पर लैंडस्लाइड हुए हैं.