नई दिल्ली. दिल्ली सरकार (Delhi Government) द्वारा नई आबकारी नीति (New Excise Policy) बनाने के बाद विवाद थम नहीं रहा है. इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने केजरीवाल सरकार की तरफ से जारी शराब बिक्री के ई-टेंडर के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सब कुछ अनिश्चितता पर नहीं छोड़ सकते. यदि किसी व्यक्ति से एक समझौते में प्रवेश करने की उम्मीद करते हैं तो उसे पता होना चाहिए कि वह क्या कर रहा है. यह टिप्पणी करते हुए जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है. यही नहीं, दिल्ली हाईकोर्ट में मामले में अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी.
दिल्ली में शराब बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं की तरफ से याचिका दाखिल करने वाले राबिन चौधरी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर व संदीप सेठी ने कहा कि वे नई आबकारी नीति को चुनौती नहीं दे रहे हैं. उन्होंने शराब विक्रेताओं की दुविधा जाहिर करते हुए बताया कि उन्हें थोक विक्रय मूल्य की जानकारी है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि शराब उन्हें किस कीमत पर बेचनी पड़ेगी.
पीठ ने कही ये बात
इस पर पीठ ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता आबकारी आयुक्त द्वारा तय की गई एमआरपी से संतुष्ट नहीं होता है तो उन्हें तीन दिन के अंदर निविदा वापस लेने की अनुमति दी जाए. इस दौरान याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और राहुल मेहरा ने कहा कि यह याचिका मुख्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध हुई थी, ताकि आबकारी नीति को चुनौती देने वाली अन्य याचिका के साथ इसकी सुनवाई की जा सके.e
दिल्ली हाइकोर्ट पहुंचा टीका करण का भी मामला
वहीं, असहाय बुजुर्गों को घर पर ही कोरोना टीका लगाने की मांग को लेकर 84 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. बुजुर्ग महिला ने याचिका दायर कर केंद्र सरकार को इस संबंध में ठोस नीति तैयार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोरोना टीका पंजीकरण के लिए हेल्पलाइन नंबर और घर-घर टीकाकरण कराने की नीति लागू करने का निर्देश देने की मांग की है.