झारखंड के गिरीडीह के तिसरी से 22 जून से लापताचंदन बर्णवाल और अंशु बर्णवाल का कंकाल बिहार के जमुई जिला अंतर्गत खैरा थाना क्षेत्र के पांच पहाड़ी स्थित मेनवा जंगल से बुधवार को बरामद कर लिया गया।
चंदन के मंझले भाई कुंदन बर्णवाल ने कपड़ा, मास्क और गाड़ी से दोनों भाइयों की पहचान की। जमुई के डीएसपी राकेश कुमार ने फोरेंसिक टीम द्वारा कंकाल का डीएनए टेस्ट करवाने की बात कही है। आशंका जताई गई कि अपराधियों ने चंदन और अंशु की हत्या कर जमुई के जंगल में लाश को फेंक दिया। अपराधियों ने दोनों भाइयों के शरीर के कई टुकड़े कर दिए थे। बताया जाता है कि तिसरी के पंदनाटांड़ के निवासी मुरारी लाल बर्णवाल के बड़े पुत्र चंदन बर्णवाल और छोटे पुत्र अंशु बर्णवाल कई वर्षों से सोनो के प्रभाकर मंडल नामक बाबा के चक्कर में पड़े थे। उक्त बाबा ने दोनों भाइयों से पैसा डबल करने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की थी। चंदन और अंशु 22 जून को बाबा से पैसा लेने के लिए गरही जाने की बात कह कर घर से निकले थे।
22 जून की शाम बजे खैरा के गरही डैम के पहले पुल के पास चंदन और अंशु को देखा गया था। इसके बाद से दोनों भाई लापता थे। चंदन के परिजन दोनों भाइयों के लापता होने की रिपोर्ट लिखाने खैरा थाना गए थे, लेकिन खैरा थाना की पुलिस ने प्राथमिकी करने से इंकार कर दिया। इसके बाद तिसरी थाना में इसकी प्राथमिकी दर्ज की गई। तिसरी पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने के बाद से ही दोनों भाइयों की खोज कर रही थी लेकिन जमुई पुलिस का सहयोग नहीं मिलने के कारण तिसरी पुलिस दोनों भाइयों को खोज निकालने में नाकाम रही। बुधवार की किसी ने मेनवा जंगल में बाइक देखी और इसकी जानकारी चंदन के परिजनों को दी। इसके बाद चंदन के भाई कुंदन बर्णवाल अपने सगे सम्बंधियों के साथ मेनवा जंगल गए जहां पर बाइक खड़ी मिली। इसके बाद वेलोग जंगल में भाइयों की खोज करने लगे। काफी खोज करने के बाद घनघोर जंगल में कंकाल मिला।