Bhopal. 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) ने इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत ₹100 में 100 यूनिट बिजली योजना शुरू की थी. इस योजना का फायदा फिलहाल घरेलू उपभोक्ताओं को भी मिल रहा है
भोपाल. मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को झटका लग सकता है. घरेलू बिजली (Electricity) पर दी जा रही सब्सिडी कम करने के लिए सरकार नए नियमों पर दोबारा से विचार कर रही है. इस मुद्दे पर बने मंत्रियों के समूह ने भी सरकार को सब्सिडी का बोझ कम करने के सुझाव दिए हैं. अगर इन सुझावों पर अमल हुआ तो फिर 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली योजना के दायरे से कई उपभोक्ता (Consumer) बाहर हो सकते हैं. मंत्रियों के समूह के सुझाव पर अमल की स्थिति में तकरीबन 45 लाख उपभोक्ता सब्सिडी के दायरे से बाहर हो सकते हैं.
बिजली सब्सिडी को लेकर बने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर ने फिलहाल सरकार को सिर्फ सुझाव दिए हैं. इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि अगर इन सुझावों पर अमल हुआ तो लाखों उपभोक्ता ₹100 में 100 यूनिट बिजली के दायरे से बाहर हो सकते हैं.
क्या हैं सुझाव ?
मंत्रिमंडल समूह की ओर से सरकार को तीन प्रमुख सुझाव दिए गए हैं. इसके तहत कमलनाथ सरकार के दौरान शुरू की गई इंदिरा गृह ज्योति योजना से बढ़े सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए आयकर दाता और सरकारी कर्मचारियों को सब्सिडी के दायरे से बाहर किया जाए.
– 100 यूनिट की सीमा बढ़ाकर 150 यूनिट की जाए इससे सरकार को दो हजार करोड़ रुपये की सालाना बचत हो सकती है.
– तीसरा सुझाव यह है कि सब्सिडी का फायदा सिर्फ गरीब बीपीएल परिवारों को ही दिया जाए. इससे सब्सिडी पर बोझ करीब 3000 करोड़ रुपये कम हो सकता है और 45 लाख उपभोक्ता भी सब्सिडी के दायरे से बाहर हो जाएंगे.
सब्सिडी का बोझ
मौजूदा वक्त में सरकार बिजली सब्सिडी पर करीब 21 हज़ार करोड़ रुपये खर्च कर रही है. इसमें करीब 16 हज़ार करोड़ रुपये किसानों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी पर खर्च होते हैं, जबकि 5000 करोड़ रुपये घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की सब्सिडी पर खर्च किए जाते हैं. 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत ₹100 में 100 यूनिट बिजली योजना शुरू की थी. इस योजना का फायदा फिलहाल घरेलू उपभोक्ताओं को भी मिल रहा है