National Anthem Ban in Chhattisgarh: यह मामला रायपुर के आदर्श विद्यालय मोवा का है. यहां ईद उल जुहा का एक वर्चुअल कार्यक्रम बुधवार को रखा गया था, जिसमें छात्रों को वर्चुअल जुड़ना था. इसके लिए स्कूल द्वारा बनाए गए छात्रों और उनके अभिभावकों के एक ऑफिशियल ग्रुप में स्कूल के एक शिक्षक ने ईद उल जुहा को लेकर कुछ निर्देश जारी किए
छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक निजी स्कूल द्वारा ईद उल जुहा के एक कार्यक्रम में छात्रों को नेशनल एंथम न गाने के निर्देश दिए गए, जिसके बाद भाजपा ने बुधवार को संबंधित स्कूल में जाकर प्रदर्शन किया और कार्यक्रम को रुकवाया.
यह मामला रायपुर के आदर्श विद्यालय मोवा का है. यहां ईद उल जुहा का एक वर्चुअल कार्यक्रम बुधवार को रखा गया था, जिसमें छात्रों को वर्चुअल जुड़ना था. इसके लिए स्कूल द्वारा बनाए गए छात्रों और उनके अभिभावकों के एक ऑफिशियल ग्रुप में स्कूल के एक शिक्षक ने ईद उल जुहा को लेकर कुछ निर्देश जारी किए. इसमें छात्रों और छात्राओं को हरे रंग का स्पेशल ड्रेस कोड पहनकर प्रोग्राम में शामिल होने कहा गया.
इतना ही नहीं छात्रों के परिजनों को भेजे गए मैसेज में साफ तौर पर लिखा गया कि कोई भी छात्र नेशनल एंथम नहीं गाएगा. इसकी शिकायत कुछ छात्रों के अभिभावकों ने छुपे तौर पर पर भाजपा नेताओं से कर दी, जिसके बाद भाजपा नेता बुधवार सुबह ही स्कूल पहुंच गए और उन्होंने इस दौरान स्कूल प्रीमायसेस में प्रदर्शन करते हुए छात्रों के इस्लामीकरण के आरोप लगाए.
भाजपा नेत्री विश्ववादिनी पांडेय ने कहा कि आज स्कूल में ईद उल जुहा का प्रोग्राम रखा गया था. छात्रों को स्पेशल हरि ड्रेस पहनकर आने कहा गया था. यही नहीं नेशनल एंथम गाने पर भी रोक लगाई. हमें जब पता चला तो हमने स्कूल में आकर कार्यक्रम पर रोक लगाई. प्रिंसिपल मैम से बात की तो मैम ने कहा नेशनल एंथम के बारे में जानकारी नहीं है. स्कूल में हिंदुओं के प्रति बच्चो में नफरत फैलाई जा रही थी. स्कूलों में ईसाईकरण और इस्लामीकरण किया जा रहा है.
ये मामला सामने आने के बाद स्कूल के अंदर मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है और स्कूल की प्रिंसिपल ने किसी से भी बात करने से इनकार कर दिया है.
इस मामले पर स्कूल की प्रिंसिपल सरिता चतुर्वेदी ने कहा कि वो सभी धर्मों के त्यौहार स्कूल में मनाते है. ईसाईकरण और इस्लामीकरण जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन नेशनल एंथम न गाने के जिस निर्देश को लेकर विवाद हुआ था उसपर स्कूल प्रबंधन ने कुछ नहीं कहा. उन्होंने कहा कि ये आरोप पूरी तरह से निराधार है. हम किसी भी तरह ईसाईकरन या इस्लामीकरण को बढ़ावा नहीं देते. कार्यक्रम हर धर्म के किए जाते है ताकि बच्चों को सभी फेस्टिवल का महत्व और उनकी जानकारी मिली जैसा बताया जा रहा है. वैसा कुछ भी नहीं है.