याचिकाकर्ताओं के वकील अभिषेक पांडेय ने तर्क दिया कि सभी कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड, अधिकारियों की देखरेख में रहते हैं. ऐसे में अगर सर्विस रिकॉर्ड मुख्यालय तक नहीं पहुंच पाते हैं तो यह वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही है.
बिलासपुरः हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के बाद अहम फैसला देते हुए कहा है कि एसीआर (Annual Confidential Report) या कहें कि सर्विस रिकॉर्ड उपलब्ध ना होने पर किसी कर्मचारी का प्रमोशन नहीं रोका जा सकता है. बिलासपुर हाईकोर्ट की जस्टिस पी.सेम.कोशी की सिंगल बेंच 3 एएसआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अहम फैसला दिया है.
क्या है मामला
दरअसल छत्तीसगढ़ पुलिस के तीन एएसआई ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में तीनों एएसआई ने कोर्ट को बताया कि 5 जून 2021 को उनके विभाग में ASI से SI के पद पर प्रमोशन देने की प्रक्रिया शुरू हुई थी. इनमें 3 एएसआई बंसीलाल धुरंधर, एम्ब्रोस टोप्पो और त्रिवेणी प्रसाद द्विवेदी रायपुर में तैनात हैं. याचिकाकर्ताओं के अनुसार, डीजीपी ने उन्हें सिर्फ इसलिए प्रमोशन से रोक दिया क्योंकि तीनों का सर्विस रिकॉर्ड पुलिस मुख्यालय नहीं पहुंचा था.
इसके खिलाफ तीनों एएसआई ने हाईकोर्ट का रुख किया, जहां से उन्हें बड़ी राहत मिली है. अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि ACR उपलब्ध नहीं होने पर किसी कर्मचारी का प्रमोशन नहीं रोका जा सकता. हाईकोर्ट ने रायपुर के डीजीपी और आईजी को आदेश दिया है कि वह तत्काल तीनों एएसआई का सर्विस रिकॉर्ड मंगाकर उन्हें प्रमोशन दे.
बता दें कि याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील अभिषेक पांडेय ने तर्क दिया कि सभी कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड, अधिकारियों की देखरेख में रहते हैं. ऐसे में अगर सर्विस रिकॉर्ड मुख्यालय तक नहीं पहुंच पाते हैं तो यह वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही है न कि याचिकाकर्ताओं की.