नई दिल्ली. अगर आप प्राइवेट या सरकारी कंपनियों में नौकरी करते हैं तो वहां पीएफ (PF) कटौती की जाती है. जी हां!यदि आपके पीएफ खाते (PF Account) से भी पैसे कटते हैं तो आप इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. दरअसल, EPFO मेंबर्स को इंश्योरेंस कवर की सुविधा एम्प्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI Insurance cover) के तहत मिलती है. स्कीम में नॉमिनी को अधिकतम 7 लाख रुपए का इंश्योरेंस कवर (EPF Covid Claim) के तहत भुगतान किया जाता है. बता दें कि कोरोना संकट की घड़ी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) परिवार को सात लाख रुपये का डेट क्लेम कवर दे रहा है. आपको बता दें कि पहले PF खाता धारकों के लिए डेथ कवर 6 लाख रुपये था, अब इसे बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक कर दिया गया है.
जानें क्या है नया नियम?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सब्सक्राइबर्स/मेंबर इंप्लॉइज को जीवन बीमा की सुविधा भी देता है. EPFO के सभी सब्सक्राइबर इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम 1976 (EDLI) के तहत कवर होते हैं. श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता वाले ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने नौ सितंबर, 2020 को EDLI योजना के तहत अधिकतम बीमा राशि बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने का निर्णय किया था. खास बात यह है कि EDLI योजना के तहत उपलब्ध इस बीमा कवर के लिए पीएफ खाता धारक को अलग से कोई इंश्योरेंस प्रीमियम नहीं देना होता.
जानें क्या है EDLI के फायदे?
इस स्कीम के तहत बीमाधारक की मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में पति/पत्नी और विधवा मां को जीवन यापन और बच्चों को 25 साल की उम्र तक कर्मचारी के औसत दैनिक वेतन के 90 प्रतिशत हिस्से के बराबर पेंशन मिलती रहति है. वहीं, अगर बीमाधारक की बेटियों को उसकी शादी तक यह फायदा मिलता है.
फैमिली मेंबर को मिलता है पैसा
EDLI के तहत क्लेम मेंबर इंप्लॉई के नॉमिनी की ओर से इंप्लॉई की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने के बाद किया जा सकता है. अब यह कवर उन कर्मचारियों के पीड़ित परिवार को भी मिलता है, जिसने मृत्यु से ठीक पहले 12 महीनों के अंदर एक से अधिक कंपनियों में नौकरी की हो. इसमें नॉमिनी को पेमेंट एकमुश्त किया जाता है. अगर स्कीम के तहत कोई नॉमिनेशन नहीं हुआ है तो क्लेम कर्मचारी का जीवनसाथी, कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटा/बेटे कर सकेंगे. कोरोना महामारी से भी अगर ईपीएफओ सब्सक्राइबर की मौत होती है तो नॉमिनी इंश्यारेंस क्लेम कर सकता है.
जानें कैसे होता है कैलकुलेशन?
EDLI स्कीम में क्लेम की गणना कर्मचारी को मिली आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी+DA के आधार पर की जाती है. ताजा संशोधन के तहत अब इस इंश्योरेंस कवर का क्लेम आखिरी बेसिक सैलरी+DA का 35 गुना होगा, जो पहले 30 गुना होता था. साथ ही अब 1.75 लाख रुपये का मैक्सिमम बोनस रहेगा, जो पहले 1.50 लाख रुपये मैक्सिमम था. यह बोनस आखिरी 12 माह के दौरान एवरेज पीएफ बैलेंस का 50 फीसदी माना जाता है. उदाहरण के तौर पर आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी+DA अगर 15000 रुपये है तो इंश्योरेंस क्लेम (35 x 15,000) + 1,75,000= 7 लाख रुपये हुआ. यह मैक्सिमम क्लेम है.