देश में खुदरा महंगाई दर लगातार दूसरे महीने भी 6 फीसदी से ऊपर दर्ज की गई है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल जून माह में खुदरा महंगाई दर 6.26 फीसदी रही जो मई के 6.3 फीसदी के स्तर से महज 4 आधार अंक कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक जून में फूड बास्केट में महंगाई की दर 5.15 फीसदी दर्ज की गई, जो मई में 5.01 फीसदी थी।
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई का यह स्तर आरबीआई के सहज स्तर से काफी ऊपर है। सरकार की ओर से आरबीआई को दोनों तरफ 2 फीसदी मार्जिन के साथ खुदरा महंगाई की दर 4 फीसदी पर रखने के लिए निर्देशित किया गया है। जानकारों के मुताबिक महंगाई दर में गिरावट लाने के लिए आरबीआई नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है।
ईंधन की बढ़ती कीमतों और सरकार की ओर से कर में कटौती न किए जाने के चलते खुदरा महंगाई दर ऊंची बनी हुई है। दुनियाभर में महंगाई बढ़ने का असर भी दिख रहा है। यह परिवारों और बचत के लिए अच्छा नहीं है। अगर यह बरकरार रहती है तो इससे विवेकाधीन मांग प्रभावित हो सकती है।