पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में कमजोर पड़ती कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर और तीसरी लहर की आशंका के बीच सरकार जिला अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को सुविधा संपन्न बनाने में जुट गई है। जल्द ही पूर्व में दिए गए उपकरणों, दवाओं के साथ इन अस्पतालों को और भी जीवन रक्षक उपकरण मुहैया कराए जाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में कोरोना पैकेज के तहत घोषित 15 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की गई है। पैकेज की इस राशि से जहां फील्ड अस्पताल बनाने की योजना है वहीं अस्पतालों में 10 हजार लीटर आक्सीजन स्टोरेज की क्षमता भी विकसित की जानी है।
बिहार में भी इस राशि से स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में कई आमूल-चूल बदलाव होंगे। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के अनुसार फिलहाल केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत पैकेज का विस्तृत विवरण राज्य को प्राप्त नहीं हुआ है। एक-दो दिन के अंदर स्पष्ट होगा कि पैकेज में बिहार की हिस्सेदारी कितनी होगी।
इधर स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि बिहार को स्वीकृत पैकेज से सात सौ से आठ सौ करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है। इसके अनुपात में तीन सौ करोड़ रुपये के करीब राज्यांश दिए जाएंगे। इस राशि से कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के विस्तृत इंतजाम अस्पतालों में किए जाएंगे। मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य सरकार ने फिलहाल अपने संसाधनों से राज्य भर के सदर अस्पताल से लेकर एपीएचसी तक को कोई प्रकार के आधुनिक उपकरण मुहैया कराए हैं।
तीसरी लहर में बच्चों पर खतरे का दावा विशेषज्ञ कर रहे हैं जिसे देखते हुए विभिन्न नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट (नीकू), पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट (पीकू) और स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में ब’चों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। पैकेज मिलने पर इन्हें और आधुनिक मशीनों और उपकरणों से युक्त किया जाएगा। भविष्य में आक्सीजन का संकट ना हो इसके लिए 119 पीएसए आक्सीजन प्लांट भी लगाए जा रहे हैं। ये प्लांट मेडिकल कालेज अस्पताल, सदर अस्पताल के साथ अनुमंडल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और रेफरल अस्पताल में बन रहे हैं।