दुनिया की नंबर वन खिलाड़ी एशले बार्टी (Ashleigh Barty) ने विम्बलडन (Wimbledon) चैंपियन बनने के साथ ही अपना दूसरा ग्रैंडस्लैम खिताब जीता. इससे पहले वो साल 2019 में फ्रेंच ओपन (French Open) ट्रॉफी जीत चुकी हैं.
लंदन: ऑस्ट्रेलिया (Australia) की एशले बार्टी (Ashleigh Barty) ने विम्बलडन (Wimbledon) टेनिस ग्रैंडस्लैम खिताब पर कब्जा जमा लिया है. उन्होंने वीमेंस सिंगल्स के फाइनल में चेक रिपब्लिक (Czech Republic) की कैरोलिना प्लिस्कोवा (Karolina Pliskova) को 6-3, 6-7, 6-3 से मात दी.
इस खिलाड़ी से मिली प्रेरणा
टॉप सीड एशले बार्टी (Ashleigh Barty) ने इससे पहले साल 2019 में फ्रेंच ओपन ट्रॉफी जीती थी. इवोने गूलागोंग (Evonne Goolagong) के 1980 में ऑल इंग्लैंड क्लब में खिताब जीतने के बाद वो यहां ट्रॉफी हासिल करने वाली पहली आस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी हैं. बार्टी ने कहा कि उन्हें गूलागोंग से काफी प्रेरणा मिली हैं. उन्होंने विम्बलडन में वैसी ही ड्रेस पहनी जैसी गूलागोंग ने 1971 में पहली बार टूर्नामेंट जीतने के दौरान पहनी थी.
बार्टी का मुश्किलों भरा सफर
25 साल की बार्टी एक दशक पहले विम्बलडन में जूनियर चैम्पियन रही थीं और फिर उन्होंने थकान की वजह से 2014 में करीब 2 साल के लिए टेनिस टूर से दूर रहने का फैसला किया था. उन्होंने अपने देश में पेशेवर क्रिकेट खेलना शुरू किया और फिर आखिर में अपने खेल में वापसी करने का फैसला किया जो अच्छा ही रहा.
बदकिस्मत रहीं प्लिस्कोवा
एशले बार्टी 8वीं रैंक प्लिस्कोवा के खिलाफ हर सेट की शुरूआत में बेस्ट दिख रही थीं. वहीं चेक रिपब्लिक की 29 साल की प्लिस्कोवा इस तरह 2 बार मेजर फाइनल में पहुंची लेकिन दोनों बार ही उप विजेता रहीं. वो 2016 अमेरिकी ओपन के फाइनल में भी हार गयी थीं.
3 सेट में हुआ फैसला
एशले बार्टी को मुश्किल दूसरे सेट के आखिर में हुई. वो 6-5 से आगे थीं और सर्विस कर रही थीं लेकिन लगातार फोरहैंड पर उनकी सर्विस टूटी और टाईब्रेकर में वह डबल फाल्ट से यह सेट गंवा बैठीं. तीसरे सेट में हालांक बार्टी ने 3-0 से बढ़त बना ली और इसी लय में आगे बढ़ती गईं. 2012 के बाद यह पहला विम्बलडन महिला फाइनल है जिसका नतीजा 3 सेट में निकला.
दोनों के लिए पहला विम्बलडन फाइनल
इसके साथ ही साल 1977 के बाद ऐसा पहली बार है जब फाइनल की दोनों प्रतिभागी ऑल इंग्लैंड क्लब में खिताबी भिड़ंत तक का सफर तय करने में सफल हुई हों. बार्टी और प्लिस्कोवा इससे पहले ग्रास कोर्ट मेजर में चौथे दौर से आगे नहीं पहुंच सकी थीं.